नयी दिल्ली: आठ मई (ए)।
अदालत ने दो मई को इस मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस जारी किया था।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने प्रवर्तन निदेशालय की दलीलें सुनने के बाद कहा कि चूंकि सह-आरोपी सैम पित्रोदा को बृहस्पतिवार को ईमेल के जरिए नोटिस भेजा गया, इसलिए अगली तारीख पर आरोपपत्र के संज्ञान पर दलीलें सुनना उचित होगा।
जब मामले के शिकायतकर्ता और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ईडी के आरोपपत्र की प्रति मांगी तो अदालत ने पहले ईडी का पक्ष सुनने का भी फैसला किया
अदालत ने गत शुक्रवार को इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस जारी किया था।
इसने कांग्रेस नेता पित्रोदा और सुमन दुबे, तथा ‘‘यंग इंडियन’’, डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड और सुनील भंडारी को भी नोटिस जारी किया था।
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अपना पक्ष रखने का अधिकार है।
मामले में आरोपपत्र धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं 3 (धनशोधन) और 4 (धनशोधन के लिए दंड) के तहत दायर किया गया था।
हाल में आरोपपत्र दाखिल करने वाले ईडी ने 2021 में अपनी जांच शुरू की थी, जब एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 26 जून 2014 को स्वामी द्वारा दायर एक निजी शिकायत पर संज्ञान लिया था।
ईडी ने कहा था कि शिकायत में कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों द्वारा एक ‘‘आपराधिक साजिश’’ को उजागर किया गया है, जिसमें सोनिया गांधी, उनके सांसद पुत्र राहुल गांधी, कांग्रेस के दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के अलावा अन्य नेताओं और एक निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ शामिल हैं।
इन सभी पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से संबंधित 2,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों का गलत तरह से अधिग्रहण कर धनशोधन में शामिल होने का आरोप है।
सोनिया और राहुल यंग इंडियन के शेयरधारक हैं और दोनों के पास 38-38 प्रतिशत शेयर हैं।