जयपुर: 23 अगस्त (ए)
न्यायालय ने निर्देश दिया कि इन कमरों को बंद कर दिया जाए और बच्चों को इनमें प्रवेश न करने दिया जाए।न्यायमूर्ति महेंद्र कुमार गोयल और न्यायमूर्ति अशोक कुमार जैन की पीठ ने जुलाई में झालावाड़ में एक स्कूल की छत गिरने से हुए हादसे के बाद करवाए गए सरकारी सर्वेक्षण के मद्देनजर शुक्रवार को यह आदेश दिया।
इस घटना में सात विद्यार्थियों की मौत हो गई थी और आठ बच्चे घायल हो गए थे।
अदालत ने राज्य सरकार से उपयुक्त वैकल्पिक व्यवस्था करने को भी कहा ताकि प्रभावित विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो।
रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में 63,018 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें 5,26,162 कक्ष हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि इनमें से 86,934 कक्ष पूरी तरह से जर्जर पाए गए।
सर्वेक्षण के अनुसार, 5,667 स्कूल उपयोग के लिए पूरी तरह से असुरक्षित पाए गएं।
वहीं 17,109 शौचालय जर्जर पाए गए जबकि 29,093 को मरम्मत योग्य पाया गया।
जैसलमेर में स्कूल का मुख्य द्वार गिरने से एक बच्चे की मौत हो गई थी और दो अन्य छात्र घायल हो गए थे।
अदालत ने अब इंजीनियरों से तकनीकी सत्यापन रिपोर्ट मांगी है और मामले की सुनवाई चार सितंबर के लिए तय कर दी।