लखनऊ: 11 मई (ए)।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटिग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी’ के उद्घाटन समारोह में योगी ने कहा, ‘‘ब्रह्मोस मिसाइल क्या होती है? आप लोगों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत इसके पराक्रम की एक झलक देखी है। अगर नहीं देखी होगी तो कम से कम पाकिस्तानियों से पूछ लेना चाहिए कि ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत क्या है।’’
योगी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि किसी भी आतंकवादी घटना को अब युद्ध माना जाएगा। आतंकवाद को जब तक हम पूरी तरह कुचलेंगे नहीं तब तक समस्या का समाधान होगा नहीं। इसे कुचलने का समय आ गया है और इसके लिए पूरे भारत को एक स्वर में मोदी के नेतृत्व में एकजुट होना होगा।’’
योगी ने कहा कि आतंकवाद एक ‘कुत्ते की दुम’ की तरह है जिसे कभी सीधा नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘यह प्यार की भाषा मानने वाला नहीं है, उनको उसी भाषा में जवाब देने के लिए तैयार होना होगा और भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से दुनिया को एक संदेश दे दिया है।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ की अवधारणा की सराहना करते हुए कहा कि सबसे पहले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के लिए भारत की सेनाओं, अपने सभी बहादुर जवानों, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री का हृदय से अभिनंदन करते हुए प्रदेशवासियों की ओर से हृदय से बधाई देता हूं।
योगी ने प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रति इस बात के लिए आभार जताया कि उन्होंने रक्षा उत्पादों के लिए उत्तर प्रदेश को एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित करने के लक्ष्य को आगे बढ़ाया।
योगी ने कहा, ‘‘2018 में जब उत्तर प्रदेश ने अपना पहला निवेश सम्मेलन लखनऊ में आयोजित किया था, तब केंद्रीय बजट में दो डिफेंस कॉरिडोर की घोषणा हुई। प्रधानमंत्री जी ने लखनऊ में ही एक कॉरिडोर की घोषणा की। उत्तर प्रदेश में छह नोड-लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट में तय किये गये।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2019 में केंद्र में पुन: सरकार बनने के बाद रक्षा मंत्री के तौर पर राजनाथ सिंह ने पहली बार लखनऊ में ‘डिफेंस एक्सपो’ आयोजित कराया और उन्होंने कहा था कि लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल बनाने के बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे। ब्रह्मोस मिसाइल के लिए राज्य सरकार ने 200 एकड़ का क्षेत्र उपलब्ध कराया और अब उत्पादन का कार्यक्रम प्रारंभ हो रहा है।’’
योगी ने रक्षा मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद राजनाथ सिंह के प्रयासों की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र भी वितरित किए। मुख्यमंत्री को ब्रह्मोस मिसाइल का एक प्रतिरूप भी भेंट किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी स्वावलंबी देश के लिए आवश्यक है कि अपनी रक्षा आपूर्ति के लिए वह दुनिया के अन्य देशों पर निर्भर होने की बजाय स्वयं उस लक्ष्य को प्राप्त करे। उन्होंने कहा कि इजराइल इसका उदाहरण है, जिसने सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त किया है। उसने अपने अगल-बगल के दुश्मन देशों को नाकों चने चबाने के लिए मजबूर किया है।
योगी ने कहा कि विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारत आज जिस दिशा में आगे बढ़ा है वह उसे प्राप्त करेगा।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ उत्तर प्रदेश के भीतर डिफेंस कॉरिडोर के जो छह नोड विकसित हो रहे हैं इन पर हमारा कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। इससे पहले हमने कानपुर में रक्षा सेनाओं के लिए गोला बारूद के उत्पादन केंद्र का शुभारंभ किया था। अब उसके विस्तार के लिए भी भूमि की मांग हो रही है। लखनऊ में भी ब्रह्मोस को जैसे ही 200 एकड़ भूमि दी गई तो पीटीसी भी यहां पर आया है। पीटीसी ने न केवल ब्रह्मोस के लिए बल्कि एयरोस्पेस से जुड़े अनेक कार्यों के लिए एक एंकर यूनिट के रूप में उत्पादन कार्य प्रारंभ किया है।
यहां ब्रह्मोस से जुड़ी हुई लगभग सात एंकर यूनिट लग रही हैं।’’
उन्होंने कहा कि 2013-14 में भारत का जो रक्षा उत्पादन था आज हम उससे कई सौ गुना ज्यादा उत्पादन और निर्यात कर रहे हैं।
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो सरकार का लक्ष्य था कि छह डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर में हमें 50,000 करोड़ रुपये के निवेश कराने हैं, एक लाख युवाओं को रोजगार भी देना है। अब तक राज्य सरकार के साथ डिफेंस एक्सपो के साथ ही देश और दुनिया के अलग-अलग भागों से 57 समझौते हो चुके हैं, जिनके माध्यम से करीब 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश सिर्फ रक्षा क्षेत्र से ही होने जा रहे हैं। लगभग 60 हजार नौजवानों को सरकार नौकरी के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता में अपना योगदान देने में पूरी मजबूती के साथ खड़ा है। यहां पर अभी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को या फिर ब्रह्मोस जैसे रक्षा उत्पादन से जुड़े अन्य कार्यक्रमों के लिए जितनी भी भूमि की आवश्यकता पड़ेगी, उत्तर प्रदेश सरकार पहले की तरह इसमें भरपूर मदद करेगी।
इस कार्यक्रम को राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, क्षेत्रीय विधायक राजेश्वर सिंह समेत कई प्रमुख लोगों ने संबोधित किया।
उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को एक बयान में कहा था कि यह सुविधा दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक का निर्माण करेगी। ब्रह्मोस की मारक क्षमता 290 से 400 किलोमीटर है।
राज्य सरकार ने बयान में कहा कि साढ़े तीन साल में बनकर तैयार हुई लखनऊ स्थित ब्रह्मोस विनिर्माण इकाई 80 हेक्टेयर में फैली है। इसके लिए जमीन उत्तर प्रदेश सरकार ने निशुल्क उपलब्ध कराई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2018 में घोषित ‘उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर’ में छह नोड हैं-लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट जहां रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए बड़े निवेश किए जा रहे हैं।
इसमें कहा गया कि तमिलनाडु के बाद ‘डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर’ स्थापित करने वाला उत्तर प्रदेश दूसरा राज्य है।