यौन उत्पीड़न मामला : बृजभूषण ने शिकायत दर्ज कराने में देरी के आधार पर आरोप मुक्त करने का अनुरोध किया

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: दो फरवरी (ए)भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न के मामले में आरोप मुक्त करने का शुक्रवार को अनुरोध किया। उन्होंने दावा किया कि कथित अपराध में प्राथमिकी दर्ज कराने में देरी की गई और शिकायतकर्ताओं के बयानों में विरोधाभास है।

सिंह की ओर से पेश वकील ने मेट्रोपोलिटन अदालत के समक्ष तर्क दिया कि कथित घटनाएं 2012 में हुई थीं, जबकि इनकी शिकायत 2023 में दर्ज कराई गई। बचाव पक्ष के वकील की ओर यह दलील अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) प्रियंका राजपूत के समक्ष तब दी गई, जब सिंह और सह-आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आरोप तय किए जाने को लेकर दलीलों पर सुनवाई चल रही थी।

वकील ने अदालत से कहा, ‘‘कथित अपराधों के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराने में काफी देरी हुई। 2012 की घटनाओं की सूचना 2023 में पुलिस को दी गई। कथित घटनाएं अलग-अलग समय और स्थानों पर हुईं। घटनाओं में कोई संबंध नहीं है…शपथपत्र और शिकायतकर्ताओं के बयान में भी विरोधाभास है।’’

इस मामले पर अगली सुनवाई छह फरवरी को होगी।

दिल्ली पुलिस ने इससे पहले अदालत से मामले में सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आग्रह किया था।

दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद सिंह के खिलाफ मामले में 15 जून, 2023 को भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354-ए (यौन उत्पीड़न), धारा 354-डी (पीछा करना) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किया था।

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