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आज़मगढ़ में मृतक दलित प्रधान के घर जाने से पुलिस ने महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री को रोका तो बैठे धरने पर

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आजमगढ़, 20 अगस्त एएनएस। यूपी के आजमगढ़ जिले में दलित प्रधान सत्यमेव जयते की हुई हत्या के बाद प्रधान के परिजनों को सांत्वना देने जा रहे महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नितिन राउत को पुलिस ने आज़मगढ़ के गौरा बादशाहपुर बॉर्डर पर रोका तो वह वह सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। नितिन राउत दलित कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।  नितिन राउत के साथ पूर्व विधायक भगवती प्रसाद, राष्ट्रीय प्रभारी प्रदीप नरवाल भी सड़क पर धरने पर बैठे। 
इससे पहले अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व चेयरमैन कांग्रेस नेता पीएल पुनिया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को भी आज़मगढ़ ज़िला प्रशासन ने सर्किट हाउस में ही नज़रबन्द कर दिया। बुधवार देर रात सर्किट हाउस पहुंचे दोनों नेताओ के निकलने के पहले ही समूचे परिसर को छवनी में तब्दील कर दिया गया था।
लल्लू गुरुवार की सुबह निकलने के लिए गेट पर पहुंचे तो उन्हें नहीं जाने दिया गया। इस पर लल्लू का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। वह दरोगा से ही भिड़ गए। उन्होंने कहा कि देश में आपातकाल है क्या? लल्लू ने दरोगा से कहा कि गुंडागर्दी है? क्यों नहीं जाने देंगे। दरोगा ने जब कहा कि आपको जाने की अनुमति नहीं है। इस पर लल्लू ने कहा कि किसी की संवेदना में जाने के लिए भी अनुमति लेनी होगी? लल्लू ने रोकने का आदेश मांगा तो दरोगा ने कहा कि जिला अध्यक्ष को दिया गया है। दरोगा की बातों पर पुनिया भी बिफर पड़े। काफी देर तक तकझक होती रही।  लल्लू ने गेट फांदने की भी कोशिश की। किसी तरह उन्हें समझाकर अंदर किया गया। इसके बाद पुलिस प्रशासन के खिलाफ कांग्रेस नेताओं ने सर्किट हाउस परिसर में ही धरना शुरू कर दिया। सर्किट हाउस के बाहर भी बड़ी संख्या में कांग्रेसियों के जमावड़े को देखते हुए दो प्लाटून पीएसी व कई थानों की फोर्स लगा दी गई । अंदर और बाहर लगातार नारेबाजी चली ।

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