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गृह मंत्री ने संसद में झूठी बात की, प्रधानमंत्री को मणिपुर पर बयान देने में क्या झिझक है: कांग्रेस

**EDS: VIDEO GRAB VIA SANSAD TV** New Delhi: Parliamentarians in the Rajya Sabha during Budget Session of Parliament, in New Delhi, Monday, March 27, 2023. (PTI Photo)(PTI03_27_2023_000090A)

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नयी दिल्ली, 24 जुलाई (ए) कांग्रेस ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह पर संसद में मणिपुर हिंसा के विषय पर ‘झूठ बोलने और देश को गुमराह करने’ का आरोप लगाया और कहा कि दोनों सदनों में जारी गतिरोध का कारण यह है कि सरकार विपक्ष की मांग स्वीकार नहीं कर रही है।.

मुख्य विपक्षी दल ने यह सवाल भी किया कि आखिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर के संदर्भ में संसद के भीतर बयान क्यों नहीं दे रहे हैं, उन्हें क्या झिझक है?.कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र के पहले तीन दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई।

मणिपुर के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सरकार इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा को तैयार है और विपक्ष से आग्रह है कि वे चर्चा होने दें और सच्चाई सामने आने दें।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री सदन में आएं और बयान दें। इस बयान पर हम चर्चा करने के लिए तैयार हैं। वह संसद के बाहर बात कर रहे हैं, लेकिन सदन में बयान नहीं दे रहे हैं। यह संसद का अपमान है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि संसद का सत्र चल रहा है, मामला गंभीर है और ऐसे में प्रधानमंत्री को सदन में बयान देना चाहिए।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘मानसून सत्र के तीसरे दिन भी संसद की कार्यवाही नहीं हो सकी। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार ‘इंडिया’ के दलों की मणिपुर में तीन मई के बाद की स्थिति पर प्रधानमंत्री के विस्तृत बयान की मांग नहीं मान रही है। ‘इंडिया’ की स्पष्ट मांग है कि पहले प्रधानमंत्री सदन में बयान दें, उसके बाद इसपर चर्चा हो। इंडिया की सभी पार्टियां सिर्फ मणिपुर ही नहीं, वास्तव में पूरे देश के लोगों की भावनाओं को सामने रख रही हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सिर्फ हेडलाइन को मैनेज करने के लिए गृह मंत्री ने आज कहा कि मोदी सरकार संसद में मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है। वह किसी पर कोई विशेष उपकार नहीं कर रहे हैं।’’

रमेश ने कहा, ‘‘ यह ‘इंडिया’ की सभी पार्टियों की पूरी तरह से लोकतांत्रिक और वाजिब मांग है कि पहले मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री सदन में बयान दें। उसके तुरंत बाद ही चर्चा होगी। इस पर गृह मंत्री पूरी तरह से चुप हैं।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘संसद के अंदर प्रधानमंत्री को पहले बयान देने में क्या झिझक है?’’

शक्ति सिंह गोहिल ने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘आज गृह मंत्री ने झूठी बात की है कि सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है। आप इस देश के लोगों को गुमराह करने के लिए कितना नीचे गिरेंगे?’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहे है। इस नियम के तहत जरूरत हुई तो मतदान भी हो सकता है। सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया। सरकार इतने गंभीर मामले पर छोटी सी चर्चा चाहती है।’’

मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो गत बुधवार, 19 जुलाई को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है।

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

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