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सेंथिल बालाजी के परिवार ने अपराध की आय को ठिकाने लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी: ईडी

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नयी दिल्ली, 14 अगस्त (ए) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के गिरफ्तार मंत्री वी सेंथिल बालाजी के खिलाफ अपनी धनशोधन जांच का विस्तार करते हुए सोमवार को कहा कि उनके भाई और परिवार के दो अन्य सदस्य कई समन जारी किये जाने के बावजूद उसके समक्ष पेश नहीं हुए हैं।.

ईडी ने साथ ही यह आरोप भी लगाया कि सबूत से संकेत मिलता है कि बालाजी के भाई और परिवार के दो अन्य सदस्यों ने इस मामले में अपराध की आय को ठिकाने लगाने में “महत्वपूर्ण भूमिका” निभायी।.प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बयान में मंत्री के भाई आर वी अशोक कुमार को कोच्चि (केरल) से हिरासत में लिये जाने या गिरफ्तार किये जाने के बारे में स्थानीय दैनिक समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में आयी खबरों को “झूठा” करार दिया।

उसने कहा, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि श्री आर वी अशोक कुमार को ईडी ने न तो हिरासत में लिया है और न ही गिरफ्तार किया है।’’

एजेंसी ने स्पष्ट किया कि अशोक, उनकी पत्नी निर्मला और सास पी लक्ष्मी को पूर्व में कम से कम चार समन भेजे गए थे, लेकिन वे ईडी के सामने पेश नहीं हुए।

बालाजी को जून में नौकरी के बदले नकदी घोटाले से जुड़ी जांच में कथित धनशोधन के लिए ईडी ने गिरफ्तार किया था।

एजेंसी ने कहा कि इस जांच के तहत अशोक कुमार को चार मौकों – 16 जून 2023, 21 जून 2023, 29 जून 2023 और 15 जुलाई 2023 को तलब किया गया था, लेकिन वह “कभी भी जांच में शामिल नहीं हुए और उन्होंने समन के जवाब में निरर्थक अप्रासंगिक बहानों का हवाला देते हुए ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया।’’

उसने कहा कि इसी तरह, उनकी पत्नी निर्मला और सास पी लक्ष्मी ने भी चार व्यक्तिगत समन का ‘‘अनुपालन नहीं किया।’’

ईडी ने आरोप लगाया, ‘‘यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सबूत इंगित करते हैं कि सभी तीन व्यक्तियों ने अपराधों की आय को ठिकाने लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।’’

करूर स्थित 2.49 एकड़ जमीन, जिसकी कीमत 30 करोड़ रुपये से अधिक है और जिसे पी लक्ष्मी द्वारा “अधिग्रहित” किया गया था, जिन्होंने बाद में इसे अपनी बेटी निर्मला को “उपहार” में दे दिया था, इस जांच के तहत पिछले सप्ताह ईडी द्वारा कुर्क कर ली गई थी।

एजेंसी ने पिछले हफ्ते सेंथिल बालाजी के खिलाफ लगभग 3,000 पृष्ठों का आरोपपत्र भी दायर किया था क्योंकि चेन्नई की एक स्थानीय अदालत ने उन्हें 25 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। मंत्री चेन्नई की पुझल केंद्रीय जेल में बंद हैं।

तमिलनाडु में मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की सरकार में बालाजी बिना प्रभार के मंत्री बने हुए हैं। तमिलनाडु की पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक (अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम) सरकार में परिवहन मंत्री रहते हुए कथित नौकरी के बदले नकदी घोटाले के सिलसिले में बालाजी को 14 जून को गिरफ्तार किया गया था। यह घोटाला उस समय हुआ था जब बालाजी तमिलनाडु की पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री थी।

एजेंसी ने पहले दावा किया था कि बालाजी ने रिश्वत के लिए अपने पद का “दुरुपयोग” किया और 2014-15 के दौरान राज्य परिवहन उपक्रमों में नौकरी घोटाले का ‘‘षड्यंत्र रचा’’, जिसमें उनके सहयोगियों के माध्यम से उम्मीदवारों द्वारा कथित रिश्वत का भुगतान किया गया।

एजेंसी ने दावा किया कि बालाजी के सहयोगियों में उनके भाई आर वी अशोक कुमार और उनके निजी सहायक बी षड्मुगम और एम कार्तिकेयन शामिल थे।

ईडी ने इन आरोपों की जांच के लिए सितंबर 2021 में धनशोधन का मामला दर्ज किया था और उसकी शिकायत 2018 में और बाद में तमिलनाडु पुलिस द्वारा दर्ज की गई तीन प्राथमिकी और बाद में उन व्यक्तियों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी पर आधारित थी, जिन्हें वादे के मुताबिक नौकरी नहीं दी गई।

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