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तथ्य छुपा कर मृतक आश्रित कोटे में पाई अनुकंपा नियुक्ति,हाईकोर्ट ने किया रद्द

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प्रयागराज, 25 अगस्त (ए)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तथ्य छिपाकर और झूठ बोलकर मृतक आश्रित कोटे में प्राप्त की गई अनुकंपा नियुक्ति को रद्द करने का आदेश दिया है।इसके साथ ही बिना तथ्यों की सही तरीके से जांच किए अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश करने के लिए अधिशासी अभियंता ट्यूबवेल डिवीजन प्रयागराज के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने सिंचाई विभाग को निर्देश दिया कि वह दिवंगत कर्मचारी की विधवा से आवेदन लेकर नियमानुसार उसे अनुकंपा नियुक्ति देने की कार्रवाई सुनिश्चित करे। यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा ने सुनीता देवी द्वारा नाबालिग पुत्र मोहित कुमार पांडेय की ओर से दाखिल याचिका पर अधिवक्ता राहुल सिंह को सुनकर दिया।
याची के पति राजेंद्र प्रसाद पांडेय प्रयागराज के बघाड़ा में ट्यूबवेल ऑपरेटर पद पर कार्यरत थे। राजेंद्र प्रसाद ने दो शादियां की थीं। पहली पत्नी से रोहित कुमार पांडेय व एक पुत्री है। पहली पत्नी की मृत्यु के बाद राजेंद्र प्रसाद ने सुनीता देवी से शादी की। सुनीता देवी से उनके पांच बच्चे हुए। राजेंद्र प्रसाद की मृत्यु के बाद पहली पत्नी के बड़े पुत्र रोहित कुमार पांडेय ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया। विभाग ने उसका आवेदन स्वीकार करते हुए 27 नवंबर 2021 को उसे अनुकंपा नियुक्ति दे दी। इस नियुक्ति आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
सुनीता देवी की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया कि अनुकंपा नियुक्ति देने में नियमों का ध्यान नहीं रखा गया। मृतक की सर्विस बुक के रिकॉर्ड और अनुकंपा नियुक्ति संबंधी नियमों की भी अनदेखी की गई। नियुक्ति देने से पूर्व मृत कर्मचारी की विधवा व अन्य आश्रितों से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया, जो कानूनन जरूरी है। इसी प्रकार रोहित ने अपनी आयु के संबंध में भी गलत तथ्य दिए हैं और गलत जन्मतिथि के आधार पर नियुक्ति प्राप्त की है। कोर्ट ने उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर यह पाया कि रोहित कुमार पांडेय को नियुक्ति देने में नियमों की अनदेखी की गई है तथा उसने अपने संबंध में तथ्य छिपाकर व झूठ बोलकर नियुक्ति प्राप्त की है।

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