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जहां कोई भेदभाव नहीं है वही सच्ची धर्मनिरपेक्षता: प्रधानमंत्री मोदी

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गांधीनगर, 12 मई(ए) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार विभिन्न योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के दौरान ना तो लाभार्थियों का धर्म और ना ही उनकी जाति देखती है। उन्होंने कहा कि जहां कोई भेदभाव नहीं है, वही सच्ची धर्मनिरपेक्षता है और सभी की खुशी व सहूलियत के लिए काम करने से बड़ा कोई सामाजिक न्याय नहीं है।.

यहां करीब 4,400 करोड़ रुपये की योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के लिए महात्मा मंदिर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) महिला सशक्तीकरण का हथियार बन गया है, क्योंकि इस योजना के तहत सरकार द्वारा गरीबों के लिए बनाए गए चार करोड़ आवासों में से 70 प्रतिशत महिलाओं को दिए गए हैं।.

मोदी ने गुजरात में पीएमएवाई के तहत बने 42,441 घरों के ‘गृह प्रवेश’, उद्घाटन व शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने के बाद कहा, ‘‘हम (सरकारी) योजनाओं की शत प्रतिशत परिपूर्णता का प्रयास कर रहे हैं। यही वजह है कि सरकार खुद इन योजनाओं के साथ लाभार्थियों तक पहुंच रही है। सरकार के इस रुख से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार खत्म हुआ है। लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए हमारी सरकार धर्म या जाति नहीं देखती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझता हूं जहां कोई भेदभाव नहीं है वही तो सच्ची धर्मनिरपेक्षता भी है। जो लोग सामाजिक न्याय की बातें करते हैं, जब आप सबके सुख के लिए काम करते हैं, सबकी सुविधा के लिए काम करते हैं, सबको उसका हक पहुंचाने के लिए शत-प्रतिशत काम करते हैं तो मैं समझता हूं कि इससे बढ़ कर कोई सामाजिक न्‍याय नहीं होता है, जिस राह पर हम चल रहे हैं।’’

मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला करते हुए कहा कि गरीबों को पहले दुर्दशा और निराशा का सामना करना पड़ता था, लेकिन उनकी सरकार उनके जीवन की कमियों को दूर करने का काम कर रही है क्योंकि जब गरीब को अपनी बुनियादी जरूरतों की चिंता कम होती है तो उसका आत्मविश्वास बढ़ता है।

उन्होंने कहा, ‘‘पुरानी नीतियों पर चलते हुए, फेल हो चुकी नीतियों पर चलते हुए ना देश का भाग्य बदल सकता है और ना ही देश सफल हो सकता है। पहले की सरकारें किस तरह से काम कर रही थीं, आज हम किस सोच के साथ काम कर रहे हैं, ये समझना बहुत जरूरी है।’’

उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए आवास देने की योजनाएं देश में लंबे समय से चल रही थीं लेकिन 10-12 साल पहले के आंकड़े कहते थे कि गांवों के लगभग 75 प्रतिशत परिवार ऐसे थे, जिनके घर में पक्का शौचालय नहीं था।

उन्होंने कहा, ‘‘घर सिर्फ सिर ढकने की छत नहीं होती है। घर एक आस्था का स्थल होता है, जहां सपने आकार लेते हैं, जहां एक परिवार का वर्तमान और भविष्य तय होता है। इसलिए, 2014 के बाद हमने गरीबों के घर को सिर्फ एक पक्की छत तक सीमित नहीं रखा। बल्कि हमने घर को गरीबी से लड़ाई का एक ठोस आधार बनाया, गरीब के सशक्तीकरण का, उसकी गरिमा का माध्यम बनाया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पहले ऐसा नहीं था। लाभार्थी तक पहुंचने से पहले घर का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता था। जो घर बनते थे, वो रहने लायक नहीं होते थे।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे घर आज सिर्फ एक योजना तक सीमित नहीं हैं, ये कई योजनाओं का एक ‘पैकेज’ है जिसमें शौचालय, बिजली कनेक्शन, मुफ्त एलपीजी कनेक्शन और नल से जल शामिल हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘पहले ये सारी सुविधाएं पाने के लिए भी गरीब को सालों-साल सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे और आज गरीब को इन सभी सुविधाओं के साथ ही मुफ्त राशन और मुफ्त इलाज की सुविधा भी मिल रही है। आप कल्पना कर सकते हैं, गरीब को कितना बड़ा सुरक्षा कवच मिला है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में बढ़ते हुए शहरीकरण को देखते हुए केंद्र की सरकार भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भी काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में विशेष रूप से टीयर-2, टीयर-3 शहर अर्थव्यवस्था को गति देंगे और गुजरात में भी ऐसे अनेक शहर हैं।

उन्होंने कहा कि इन शहरों की व्यवस्थाओं को भी भविष्य की चुनौतियों के हिसाब से तैयार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हम शहरी नियोजन में जीवन की सुगमता और जीवन की गुणवत्ता दोनों पर समान जोर दे रहे हैं। हमारी कोशिश है कि लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में बहुत ज्यादा समय खर्च ना करना पड़े। आज देश में इसी सोच के साथ मेट्रो नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। साल 2014 तक देश में ढाई सौ किलोमीटर से भी कम का मेट्रो नेटवर्क था। यानी 40 साल में 250 किलोमीटर मेट्रो रूट भी नहीं बन पाया था। जबकि बीते 9 साल में 600 किलोमीटर नया मेट्रो रूट बना है, उन पर मेट्रो चलनी शुरू हो गई है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले कुछ वर्षो में कचरा प्रबंधन पर बहुत बल दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2014 में जहां देश में केवल 14-15 प्रतिशत कचरा प्रबंधन होता था, वहीं आज यह 75 प्रतिशत हो गया है। अगर ये पहले ही हो गया होता तो हमारे शहरों में आज कूड़े के पहाड़ ना खड़े हुए होते। अब केंद्र सरकार, ऐसे कूड़े के पहाड़ों को समाप्त करने के लिए भी मिशन मोड पर काम कर रही है।’’

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सी आर पाटिल भी मौजूद थे।

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