नयी दिल्ली: आठ जनवरी (ए) उच्चतम न्यायालय ने यह कहते हुए कि दवाओं और टीकों का नैदानिक परीक्षण अक्सर गरीब देशों में किया जाता है, एक याचिकाकर्ता को इस मुद्दे पर केंद्र की ओर से बनाए गए नियमों के खिलाफ अपनी आपत्तियां दर्ज कराने एवं दलीलें पेश करने की बुधवार को अनुमति दे दी।
