दिल्ली में लगातार बारिश से यातायात प्रभावित

राष्ट्रीय
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दिल्ली, 20 अगस्त (ए) राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाकों में बृहस्पतिवार को भी बारिश जारी रहने से कई इलाकों में और प्रमुख मार्गों पर जलजमाव हुआ, जिससे सुबह-सुबह यातायात बाधित हुआ। कई इलाकों में पेड़ों के गिरने और सम्पत्ति को नुकसान पहुंचने की भी खबर है।

आयानगर मौसम केन्द्र में बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर बृहस्पतिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 122.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो कि सामान्य से 11 गुना अधिक है।

शहर में हर साल 19 अगस्त सुबह साढ़े आठ बजे से 20 अगस्त सुबह साढ़े आठ बजे के बीच औसतन 11.3 मिमी बारिश होती है।

सफदरजंग वेधशाला में 54.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। पालम मौसम केन्द्र में इस दौरान 89.1 मिमी, लोधी रोड और रिज मौसम केन्द्र में क्रमश: 62.4 तथा 77.3 मिमी बारिश दर्ज की गई।

बारिश के 15 मिमी से कम होने पर हल्की, 15 से 64.5 मिमी के बीच होने पर मध्यम और 64.5 मिमी से अधिक होने पर उसे भारी बारिश की श्रेणी में रखा जाता है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय अनुमान केन्द्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि शुक्रवार सुबह तक मध्यम बारिश जारी रहेगी। इसके बाद शहर में छिट-पुट बारिश की संभावना है।

श्रीवास्तव ने कहा कि इसके बाद 25 अगस्त से एक बार फिर मध्यम बारिश होगी।

सफदरजंग वेधशाला में अगस्त में अभी तक 202.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो कि सामान्य 176.5 मिमी से 15 प्रतिशत अधिक है। एक जून को मॉनसून की शुरुआत से 520.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो कि सामान्य 452.6 मिमी से 15 प्रतिशत अधिक है।

नरेला-बवाना रोड, राजा गार्डन फ्लाईओवर, कस्तूरबा अंडरपास, एमबी रोड, झंडेवालान मंदिर, झिलमिल अंडरपास, आजादपुर सब्जी मंडी, सराय पीपल थला, जहांगीरपुरी, मदनपुर खादर समेत अन्य स्थानों पर यातायात प्रभावित रहा।

शहर में बुधवार को भी लगातार बारिश की वजह से ऐसी हालत थी।

दक्षिण दिल्ली के साकेत में कल जे ब्लॉक में एक स्कूल की दीवार गिरने से कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं।

वहीं, गुड़गांव में भी कई जगह पानी भरे होने की वजह से लोग घंटों तक सड़कों पर फंसे रहे। लोगों और वाहनों के पानी में फंसे होने की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं।

एक निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ के महेश पलावत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से बारिश के तरीके में परिवर्तन आया है। पहले दो-तीन दिन तक धीरे-धीरे बारिश होती थी और अब उतनी ही बारिश दो-तीन घंटे में हो जाती है।