नयी दिल्ली: दो अगस्त (ए) राज्यसभा में शुक्रवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को समाप्त करने के प्रावधान वाले एक गैर सरकारी संकल्प पर, सरकार एवं सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सदन में चर्चा कराये जाने का यह कहते हुए विरोध किया कि जब इस मामले में उच्चतम न्यायालय का निर्णय आ चुका है तो इस पर चर्चा करना उचित नहीं होगा।
शुक्रवार होने के कारण उच्च सदन में दोपहर दो बजे जब गैर सरकारी कामकाज शुरू हुआ तो द्रमुक के एम मोहम्मद अब्दुल्ला ने आसन की अनुमति से शिक्षा को समवर्ती सूची से हटाकर राज्य सूची में डालने के प्रावधान वाले गैर सरकारी संकल्प को चर्चा के लिए पेश किया। इसी संकल्प में नीट-यूजी और एनटीए को समाप्त करने का प्रावधान है।