अखिलेश यादव ने जयप्रकाश संग्रहालय को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ: पांच जुलाई (ए)) समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को भाजपा पर एक सोची-समझी रणनीति के तहत मंत्रिमंडल के फैसले के जरिए जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर सोसाइटी को पहले खत्म करने और फिर उसे बेचने की तैयारी करने का आरोप लगाया।

अखिलेश ने लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘जरा सोचिए, जयप्रकाश जी, इतना बड़ा नाम, जिन्होंने आजादी से लेकर लोकतंत्र को बचाने और देश को नयी दिशा देने के संघर्ष का रास्ता दिखाया। उनको समर्पित एक संग्रहालय और उनकी याद में यह इमारत। सरकार ने पहले इसे चलाया नहीं, बर्बाद किया, फिर बर्बाद करने के बाद इसे एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) को दे रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपको जाकर एलडीए का बाजार देखना चाहिए। आपको जाकर एलडीए का काम देखना चाहिए। गोमती नगर में कोई भी बाजार देख लीजिए जो उन्होंने बनाया है। कबूतरखाना है। मछली बाजार है। आपको जाकर उनमें से कोई भी जगह देख लेनी चाहिए। एलडीए का अपना काम है। क्या एलडीए यह काम करेगा? बताइए।’’

अखिलेश ने कहा, ‘‘यह सोची-समझी रणनीति है कि पहले तो कैबिनेट के फैसले से सोसाइटी को खत्म करो और फिर बेचने की तैयारी करो। मैं आपके सामने एक बार फिर दोहराता हूं कि अगर इसे बेचना है तो हम समाजवादी लोग इसे लेने के लिए तैयार हैं। एक दिन हमने कहा था कि हम समाजवादी लोग चंदा इकट्ठा कर सकते हैं या कुछ भी कर सकते हैं क्योंकि हमारा इससे भावनात्मक वैचारिक जुड़ाव है, इसलिए हम नहीं चाहते कि इसे बर्बाद किया जाए या इसका व्यावसायिक दोहन किया जाए क्योंकि अगर यह सरकार के हाथ में होगा तो सरकार इसे बेचने की तैयारी करेगी।’’

उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) परियोजना के लिए गठित सोसाइटी को भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस फैसले में यह भी कहा गया कि इसकी बागडोर लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को सौंपी जाएगी।

कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा था, ‘‘पूर्व में गठित जेपीएनआईसी सोसाइटी को भंग कर केंद्र को वर्तमान स्वरूप में लखनऊ विकास प्राधिकरण को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया गया है। अब परियोजना के पूरा होने, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी एलडीए की होगी।’’

खन्ना ने कहा था कि कैबिनेट ने एलडीए को परियोजना को पूरा करने के लिए प्रक्रिया और शर्तें तैयार करने तथा निजी व्यक्तियों के माध्यम से इसके संचालन और रखरखाव का प्रबंधन करने के लिए भी अधिकृत किया।

प्राधिकरण को सोसाइटी भंग करने और इसकी सदस्यता समाप्त करने जैसी कार्रवाई करने का भी अधिकार दिया गया है।

जेपीएनआईसी परियोजना में एक राज्यस्तरीय ऑडिटोरियम, एक कन्वेंशन सेंटर, एक आधुनिक खेल परिसर, बहुउद्देशीय खेल कोर्ट और लगभग 750 चार पहिया वाहनों के लिए एक बहु-स्तरीय पार्किंग सुविधा का निर्माण शामिल है।

अखिलेश ने यह भी कहा कि जब नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने जेपीएनआईसी की आधारशिला रखी थी, तो जॉर्ज फर्नांडिस और मोहन सिंह सहित सभी महत्वपूर्ण समाजवादी नेता मंच पर मौजूद थे।

उन्होंने कहा, ‘‘उस समय कहा गया था कि यह समाजवादियों का केंद्र होगा, जहां नयी पीढ़ी आकर देखेगी कि कितना बड़ा संघर्ष था। जेपी लोकतंत्र, समाजवाद और देश को बचाने के लिए निकले थे। पूरे देश के लोग उनके साथ जुड़े और इसका नतीजा यह हुआ कि संपूर्ण क्रांति के आंदोलन ने देश को बदल दिया और दिल्ली में नयी पार्टी बनी। और जिन लोगों ने जेपीएनआईसी को बर्बाद कर दिया, उन्हें अब सोचना चाहिए कि वे बिहार में किससे वोट मांगेंगे।’’