आनंदीबेन पटेल ने किया आंगनबाड़ियों में बुनियादी सुविधाओं की कमी का जिक्र

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ: नौ सितंबर (ए) उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को राज्य के सीतापुर जिले में 200 आंगनबाड़ियों में बुनियादी साधनों की कमी का उल्लेख करते हुए गांवों तक बिजली और सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के तरीकों पर विचार करने की जरूरत पर जोर दिया।

राज्यपाल ने यहां अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए सीतापुर की 200 आंगनबाड़ियों में संसाधनों की कमी का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ”सीतापुर में 200 आंगनबाड़ियों को छोटे-छोटे बच्चों के लिए साधन चाहिये। आप अब भी देखते रहिये… विद्यालयों में बैठने के लिए बेंच नहीं हैं। लिखने के लिए टेबल नहीं है। ऐसी स्थिति में गांव के बच्चे पढ़ रहे हैं और हमारे शिक्षक उनको पढ़ा रहे हैं।”उन्होंने कहा, ”इसी वजह से समाज का यह दायित्व बनता है कि हम छोटी-छोटी राशि एकत्रित करके ऐसी आंगनबाड़ियों को….जहां से शिक्षा, स्वास्थ्य और अनुशासन प्रारंभ होता है….और इसी वजह से हमने विश्वविद्यालयों को इससे जोड़ा है। आज अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने सीतापुर को 100 किट दी है। मतलब सीतापुर जनपद में 300 आंगनवाड़ियों को यह साधन प्राप्त होंगे। मैं अपेक्षा करती हूं कि जिला अधिकारी हों, उप जिलाधिकारी हों, प्रयास करें कि सभी आंगनबाड़ियों तक ऐसे साधन पहुंचें और बच्चे हंसते—खेलते ज्ञान प्राप्त करने के लिए आएं।”

राज्यपाल ने ग्रामीण इलाकों में रह रहे छात्र—छात्राओं तक विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने और उन्हें प्रौद्योगिकी में हो रहे बदलावों के बारे में बताने की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, ”शहरी क्षेत्र में तो सब कुछ मिलता है। बिजली भी… सब कुछ, लेकिन आज भी ऐसे गांव हैं जहां चार घंटे, छह घंटे या आठ घंटे बिजली आती है और ऐसी स्थिति में वहां के छात्र पढ़ते हैं तो हमारा यह काम है कि हर गांव, हर घर तक बिजली कैसे पहुंचे और विभिन्न योजनाओं का लाभ वहां के छात्र छात्राएं कैसे लें, इस पर हमें सोचना चाहिये।”

राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह किसी भी विश्वविद्यालय का केवल औपचारिक आयोजन नहीं होता बल्कि यह उस संस्था की शैक्षणिक यात्रा का उज्ज्वल पड़ाव भी होता है। उन्होंने कहा कि यह दिन विश्वविद्यालय के लिए भी गौरव का पल होता है और छात्र-छात्राओं के लिए भी यह अविस्मरणीय होता है। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा, ”शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने की प्रक्रिया नहीं है बल्कि यह जिम्मेदारी का वह दीपक है जो प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन में जलता है और राष्ट्र को आलोकित करता है। यह दिन केवल उपाधि प्राप्त करने का दिन नहीं है बल्कि यह आत्ममंथन और संकल्प का दिन भी है। संकल्प इस बात का कि हम अपने अर्जित ज्ञान का उपयोग राष्ट्रहित में करेंगे।”राज्यपाल ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गगन यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने विश्व स्तर पर भारत की एक विशिष्ट पहचान स्थापित की है। उन्होंने शुक्ला ना सिर्फ सराहनीय हैं बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं। उन्होंने कहा कि उनका यह जीवन इस बात का साक्षात उदाहरण है कि अंतरिक्ष तक पहुंचाने का मार्ग केवल विज्ञान और तकनीक से नहीं बल्कि दृढ़ संकल्प और ऊंची सोच से भी प्रशस्त होता है।