लखनऊ, 27 नवंबर (ए)।केन्द्र सरकार से तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों ने उत्तर प्रदेश के कई जिलों में चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन किया। लखनऊ में भारतीय किसान यूनियन ने अहिमामऊ-सुल्तानपुर रोड पर चक्का जाम की तैयारी की थी, लेकिन प्रशासनिक मुस्तैदी से यह संभव नहीं हो सका। किसानों ने शनिवार और रविवार को भी आंदोलन जारी रखने का एलान किया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने 77 किसानों द्वारा गिरफ्तारी देने का दावा किया है, लेकिन पुलिस का कहना है कि हिरासत में लेकर इन्हें छोड़ दिया गया।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष हरनाम सिंह वर्मा ने शुक्रवार को बताया कि पुलिस ने रात से ही हमारे आंदोलन को कमजोर करने के लिए मेरे गांव नौबस्ता कला में घेराबंदी कर दी और किसान भवन घेर लिया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को सुबह किसान तय कार्यक्रम के अनुसार अहिमामऊ-सुलतानपुर मार्ग पर जाम करने के लिए निकले, लेकिन देवा रोड पर ही हमें पुलिस ने रोक लिया और सभी को ईको गार्डेन ले जाया गया। प्रदेश उपाध्यक्ष ने कुल 77 किसानों द्वारा गिरफ़्तारी देने का दावा करते हुए कहा कि हमारा आंदोलन रुकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि रविवार को ट्रैक्टर-टाली से सैकड़ों किसान दिल्ली में धरना देने जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसान तो न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून चाहते हैं लेकिन सरकार किसान विरोधी कानून थोप रही है।
पुलिस के अनुसार लखनऊ में चार-पांच अलग-अलग स्थानों पर किसानों ने प्रदर्शन की कोशिश की लेकिन उन्हें हिरासत में लेकर बाद में छोड़ दिया गया। लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त नवीन अरोड़ा ने इस संदर्भ में पूछे जाने पर बताया कि अहिमामऊ, चिनहट, और मोहनलालगंज समेत कुल पांच स्थानों पर विरोध प्रदर्शन के लिए किसान एकत्रित हुए थे, लेकिन उन्हें समझा-बुझा कर धरना प्रदर्शन के लिए बनाये गए ईको गार्डेन भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि कुल किसानों की संख्या करीब 250 रही होगी जिनमें किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है। अरोड़ा ने बताया कि मोहनलालगंज में भी कुछ किसानों ने एक अलग मामले में प्रदर्शन किया था और उनका भी ज्ञापन ले लिया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि किसानों की चेतावनी को देखते हुए पूरे प्रदेश में कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत व्यापक तैयारी की गई है।
