ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के जरिये उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश से रुपये ऐंठने की कोशिश की

राष्ट्रीय
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नागपुर, 12 जुलाई (ए) मुंबई उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विजय डागा को ‘डिजिटल अरेस्ट’कर ठगों ने दो करोड़ रुपये ऐंठने की कोशिश की। स्वयं सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने शनिवार को यह जानकारी दी।

न्यायमूर्ति डागा ने बताया कि जालसाजों ने वीडियो कॉल के जरिए उन पर गलत काम करने का आरोप लगाया और पैसे की मांग की।

उन्होंने यहां संवाददाताओं को बताया कि ठगों की कोशिश नाकाम रही, क्योंकि उन्होंने उनकी धमकियों पर ध्यान नहीं दिया और पुलिस को सूचित कर दिया।

नागपुर निवासी न्यायमूर्ति डागा ने बताया कि बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे उन्हें पुलिस की वर्दी पहने एक अज्ञात व्यक्ति का वीडियो कॉल आया।

सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने बताया कि पुलिस थाने जैसी दिखने वाली जगह पर बैठे फोन करने वाले ने उन पर मुंबई के बोरीवली पुलिस थाने में दर्ज जबरन वसूली के मामले से जुड़े होने का आरोप लगाया।

फोन करने वाले व्यक्ति ने दावा किया कि डागा के आधार कार्ड का उपयोग करके खरीदे गए सिम कार्ड का उपयोग अवैध लेनदेन के लिए किया गया था, जिसमें 2023 में उनके नाम पर खोले गए केनरा बैंक खाते से संबंधित लेन-देन भी शामिल है। उसने यहां तक कि डागा पर जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के साथ संबंध होने का भी आरोप लगाया।

पूर्व न्यायाधीश के मुताबिक, जब उन्होंने किसी भी गलत कृत्य में संलिप्त होने से इनकार किया, तो कॉल एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में सामने आई एक महिला को स्थानांतरित कर दी गई, जिसने धमकी दी कि अगर दो करोड़ रुपये तुरंत नहीं दिए गए तो वह उन्हें गिरफ्तार कर लेगी।

फोन करने वाली महिला ने कहा कि यदि धनराशि दोपहर 2:30 बजे से पहले ऑनलाइन तरीके से नहीं भेजी गई, तो उन्हें बिना जमानत के जेल भेज दिया जाएगा।

न्यायमूर्ति डागा ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने तुरंत नागपुर पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ और मुंबई उच्च न्यायालय के प्रोटोकॉल अधिकारी से संपर्क किया।

उन्होंने बताया कि जांच में खुलासा हुआ कि कॉल राजस्थान-गुजरात सीमा पर से की गई थी। न्यायमूर्ति डागा ने ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, ‘‘कोई भी आम आदमी इन ठगों की बात पर यकीन कर सकता था।’’

एक अधिकारी ने बताया कि नागपुर साइबर पुलिस इस प्रकरण की जांच कर रही है।