दिवाली पर यात्राएं और शादियां रद्द, ट्रंप के वीजा शुल्क वृद्धि से भारतीय एच1बी धारकों में दहशत

अंतरराष्ट्रीय
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न्यूयॉर्क/वाशिंगटन: 20 सितंबर (ए) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कार्य वीजा पर 1,00,000 डॉलर का भारी-भरकम शुल्क लगाने के आदेश के कुछ ही घंटों बाद शनिवार को अमेरिका में एच1बी वीजा पर रह रहे भारतीयों में दहशत, भ्रम की स्थिति और चिंता व्याप्त हो गई।

भारत जाने वाले विमानों में सवार होने के इंतजार में बैठे कई लोगों ने आखिरी समय में अपनी यात्रा की योजनाएं रद्द कर दीं, वहीं भारत में पहले से मौजूद कई लोग स्पष्टता के अभाव में लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
ट्रंप ने शुक्रवार को एच1बी वीजा शुल्क बढ़ाने संबंधी घोषणा पर हस्ताक्षर किए.
यह घोषणा भारतीय पेशेवरों और उनके परिवारों के दिवाली और साल के अंत में अन्य छुट्टियों के लिए भारत आने से कुछ सप्ताह पहले की गई.
एच1बी वीजा धारकों और अमेरिका में इस खबर पर नजर रखने वाले लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा’ से बात की और जोर देकर कहा कि एच1बी वीजा धारकों व उनके परिवारों को इस समय ‘घबराहट’ और ‘चिंता’ हो रही है.
एक व्यक्ति ने ‘समाचार एजेंसी’ को एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताया जो अपनी शादी के लिए भारत आने वाला था और जिसने इस घोषणा से उत्पन्न हुई अनिश्चितता के बीच अपनी योजना रद्द कर दी.
एक व्यक्ति ने कहा, “यह यात्रा प्रतिबंध है। अगर किसी व्यक्ति के पासपोर्ट पर वैध एच1बी वीजा लगा हो और वह यात्रा कर रहा है, या छुट्टियों पर है तो आप अमेरिका में तब तक प्रवेश नहीं कर सकते जब तक उसके पास 1,00,000 अमेरिकी डॉलर के भुगतान का प्रमाण न हो। किसी को नहीं पता कि प्रक्रिया क्या है, बारीकियां क्या हैं। पूरी तरह से अफरा-तफरी मची हुई है.
एक अन्य व्यक्ति ने कहा,“जो लोग हवाई अड्डों पर बोर्डिंग लाइन में खड़े हैं, जो लोग कल अपनी शादी के लिए निकल रहे हैं या फिर कुछ जरूरी काम के लिए आने-जाने की सोच रहे हैं, वे यात्रा रद्द कर रहे हैं क्योंकि उन्हें नहीं पता कि क्या करना है.
उन्होंने बताया कि इस बात को लेकर भी भ्रम है कि अगर किसी के पास एच1बी वीजा है और वह वर्तमान में अमेरिका में रह रहा है, तो उसके लिए इसका क्या मतलब है?
एक व्यक्ति ने प्रमुख टेक कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए आंतरिक ज्ञापनों का हवाला देते हुए कहा, “सबसे बड़ा सवाल यह है कि आप देश नहीं छोड़ सकते.
इन ज्ञापनों में कर्मचारियों से अमेरिका से बाहर न जाने या 21 सितंबर की समयसीमा से ठीक पहले वापस लौटने का आग्रह किया गया है.
ट्रंप की घोषणा 21 सितंबर से लागू होगी। एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “सभी कंपनियां यही कह रही हैं कि अगर आप अभी देश में हैं, तो बाहर न जाएं.
एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “जो लोग पहले से ही अमेरिका से बाहर हैं, वे आज ही किसी तरह वापस आने का रास्ता तलाश रहे हैं. ज्यादातर लोग अमेरिका लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “फिर भी, लोगों को यह नहीं पता कि वे वापस आ पाएंगे या नहीं, किसी कंपनी के लिए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर पाने की प्रक्रिया क्या होगी। किसी को कुछ नहीं पता। और इस बारे में कोई स्पष्टता जल्द ही मिलने की भी संभावना नहीं है.