नयी दिल्ली: दो अगस्त (ए)) निर्वाचन आयोग ने शनिवार को राजद नेता तेजस्वी यादव के इस दावे को ‘‘निराधार’’ करार दिया कि उनका नाम बिहार की मसौदा मतदाता सूची से गायब है।
अधिकारियों ने बताया कि मसौदा मतदाता सूची के संबंधित हिस्से में उनका नाम क्रम संख्या 416 पर है।
अधिकारियों ने बताया कि मसौदा मतदाता सूची के संबंधित हिस्से में उनका नाम क्रम संख्या 416 पर है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को दावा किया कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रकाशित ‘मसौदा मतदाता सूची’ में उनका नाम नहीं है।
प्रेस वार्ता के दौरान, पूर्व उपमुख्यमंत्री यादव ने अपने फोन को एक बड़ी स्क्रीन से जोड़ा और अपना ईपीआईसी नंबर खोजने की कोशिश की, जिससे परिणाम आया कि ‘कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।’
तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘देखिए! मैं खुद मतदाता के रूप में पंजीकृत नहीं हूं। इससे मैं चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाता हूं। शायद, मुझे नागरिक नहीं माना जाएगा और मैं इस घर में रहने के अधिकार से भी वंचित हो जाऊंगा।’’
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष यादव ने यह भी दावा किया कि जब बूथ स्तर का अधिकारी उनके यहां गणना प्रपत्र लेकर आया था, तो उसने उन्हें कोई रसीद नहीं दी।
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा कि ‘‘शुद्ध’’ मतदाता सूची किसी भी लोकतंत्र की नींव होती है।
इसने कहा कि मसौदा सूचियों के प्रकाशन के साथ ही ‘‘दावों और आपत्तियों’’ की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, जो एक सितंबर तक जारी रहेगी तथा इस अवधि के दौरान मतदाता गलत तरीके से नाम हटाए जाने की शिकायत लेकर संबंधित प्राधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।
आयोग ने कहा, ‘‘उन्हें (तेजस्वी) अपनी पार्टी के 47,506 बूथ-स्तरीय एजेंटों से कहना चाहिए कि अगर उन्हें लगता है कि किसी पात्र मतदाता का नाम छूट गया है या किसी अयोग्य मतदाता का नाम शामिल किया गया है, तो वे दावे और आपत्तियां दर्ज करें।’’
आयोग ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान राजद सहित किसी भी राजनीतिक दल के बूथ स्तरीय एजेंट (बीएलए) ने बूथ स्तर के अधिकारियों के समक्ष नाम जोड़ने या हटाने के लिए एक भी मामला प्रस्तुत नहीं किया है।