पीएम श्री योजना पर एम ए बेबी की चुप्पी से मुझे दुख हुआ: भाकपा नेता प्रकाश बाबू

राष्ट्रीय
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तिरुवनंतपुरम: 26 अक्टूबर (ए) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वरिष्ठ नेता के. प्रकाश बाबू ने रविवार को कहा कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव एम ए बेबी ने केरल द्वारा पीएम श्री योजना पर हस्ताक्षर करने को लेकर हाल में डी राजा के साथ हुई चर्चा के दौरान इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया और केवल चुप्पी साधे रखी।

उन्होंने कहा कि भाकपा महासचिव राजा ने शनिवार को दोपहर का भोजन भी नहीं किया और वह इस मामले पर चर्चा करने के लिए बेबी से मिलने आए थे लेकिन उन्होंने इस विषय पर कोई जवाब नहीं दिया।

बाबू ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजा पीएम श्री योजना पर पार्टी की चिंताओं से अवगत कराने और अपना रुख स्पष्ट करने बेबी से मिलने गए थे। यह वास्तव में भाकपा और माकपा का संयुक्त रुख था। उन्होंने बेबी को स्पष्ट रूप से समझाया कि उस रुख से अब विचलन कैसे हुआ।’’

उन्होंने कहा कि राजा ने जानना चाहा कि क्या केरल तमिलनाडु की तरह केंद्रीय योजना के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ सकता है और उन्होंने बेबी से अनुरोध किया कि वह माकपा की राज्य इकाई से पीएम श्री योजना में शामिल होने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहें।

बाबू ने कहा, ‘‘हालांकि जब राजा ने पीएम श्री योजना से जुड़े मुद्दों पर बात की तो बेबी ने केवल चुप्पी साधे रखी। इससे मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत दुख हुआ है।’’

उन्होंने कहा कि वरिष्ठ माकपा नेता ने इसमें हस्तक्षेप करने में अपनी असमर्थता जताई है।

बाबू ने कहा कि पार्टी की राज्य कार्यकारिणी केरल सामान्य शिक्षा विभाग द्वारा पीएम श्री योजना पर हस्ताक्षर किए जाने पर चर्चा करेगी और इस संबंध में भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों पर फैसला करेगी।

उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जो मंत्रिमंडल के समक्ष उठाया गया था और कार्य-नियमों के अनुसार मंत्रिमंडल के पास मौजूद किसी मामले का निपटारा केवल वही कर सकता है।

उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा कि भाकपा की प्रदेश इकाई के सचिव बिनॉय विश्वम ने पार्टी के रुख से स्पष्ट रूप से अवगत कराया है और बताया है कि वह उस पर क्यों कायम है।

बाबू ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए धन की कमी के शिक्षा विभाग के दावों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा कि पिनराई विजयन सरकार 50,000 से अधिक कक्षाओं को स्मार्ट कक्षाओं में पहले ही बदल चुकी है।

उन्होंने कहा, ‘‘केरल एक ऐसा राज्य है जिसने विद्यालयों के बुनियादी ढांचे के विकास के मामले में ऐसी अद्वितीय उपलब्धियां हासिल की हैं जिनका दावा कोई अन्य राज्य नहीं कर सकता इसलिए बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में कही गई बातों का कोई औचित्य नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि पीएम श्री योजना के संबंध में पाठ्यक्रम एक चिंता का विषय है और केंद्र पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि राज्य का पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुसार होगा।

यह पूछे जाने पर कि अगर माकपा इस संबंध में किसी समझौते के लिए तैयार नहीं होती है तो अगला कदम क्या होगा, उन्होंने कहा कि पार्टी की राज्य कार्यकारिणी सोमवार को यहां बैठक करेगी।

बाबू ने कहा, ‘‘प्रदेश कार्यकारिणी सोमवार को इस मामले पर चर्चा करेगी और अपना निर्णय बताएगी।’’

इससे एक दिन पहले सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने स्पष्ट किया था कि पीएम श्री स्कूल योजना समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से राज्य के पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं होगा।

शिवनकुट्टी का यह बयान भाकपा के विरोध और कांग्रेस द्वारा “राजनीतिक षड्यंत्र” के आरोप लगाये जाने के बीच आया था।

शिवनकुट्टी ने एक बयान में कहा था कि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन का यह दावा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और विनायक दामोदर सावरकर को केरल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, “राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दुष्प्रचार” है।

उन्होंने कहा था कि राज्य ने विद्यालयों के बुनियादी ढांचे में सुधार और शैक्षणिक स्तर को ऊपर उठाने के लिए धन जुटाने हेतु पीएम श्री समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस बीच, बेबी ने नयी दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए बाबू पर कटाक्ष करते हुए कहा, “मैं बहुत असहाय हूं। मैं उनसे कुछ शक्ति उधार लूंगा।”

बेबी ने कहा कि यह माकपा और भाकपा के महासचिवों द्वारा चर्चा और समाधान का विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर राज्य स्तर पर चर्चा होनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर पार्टियों का राष्ट्रीय नेतृत्व इसमें हरसंभव मदद करेगा।