नयी दिल्ली: 17 अगस्त (ए) दिल्ली पुलिस ने विकासपुरी इलाके में एक अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए छह साइबर जालसाजों को गिरफ्तार किया है जो लोगों को एक निजी बैंक की तकनीकी सहायता टीम के नाम पर ठगते थे।
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि ये लोग क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने और पिन जनरेट करने में मदद के नाम पर नये कार्डधारकों को निशाना बनाते थे।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारियां दिल्ली, हरियाणा और तेलंगाना में की गईं। उन्होंने बताया कि आरोपियों के पास से कुल 41 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक राउटर और बैंक ग्राहकों के डेटा वाली डायरियां जब्त की गईं।
पुलिस के अनुसार आरोपियों की पहचान विजय कुमार शर्मा (46), मूलचंद मिश्रा (51), अमित (27), प्रदीप साहू (28), गौरव (38) और हेमंत (25) के रूप में हुई है।
गिरोह ने कई पीड़ितों से लगभग 85 लाख रुपये ठगे। बरामद मोबाइल नंबरों के खिलाफ राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर पहले से ही 95 शिकायतें दर्ज हैं।
पुलिस उपायुक्त (द्वारका) अंकित सिंह ने बताया, ‘‘यह मामला तब प्रकाश में आया जब द्वारका निवासी वीरेंद्र कुमार (42) ने 21 जून को एक शिकायत दर्ज करायी कि एक नये निजी बैंक के क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने के बाद उन्हें पिन जनरेट करने के संबंध में एक कॉल आयी। जल्द ही उनके खाते से 2.81 लाख रुपये का अनधिकृत लेनदेन का पता चला।’’
उन्होंने बताया कि शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज करके आगे की जांच शुरू की गई है। अधिकारी ने बताया कि आरोपी एक अवैध कॉल सेंटर चलाते थे, जहां टेलीकॉलर खुद को बैंक अधिकारी बताते थे। अधिकारी ने बताया कि वे क्रेडिट कार्ड धारकों से संपर्क करते थे और उन्हें क्रेडिट सीमा बढ़ाने या पिन जनरेट करने में मदद का झांसा देते थे।
उन्होंने बताया कि बातचीत के दौरान, वे पीड़ितों को एक एपीके फाइल डाउनलोड करने के लिए कहते थे, जिससे धोखेबाज उनके मोबाइल फ़ोन तक एसएमएस सहित, दूर से ही पहुंच बना सकते थे। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें ओटीपी और बैंकिंग विवरणों पर नियंत्रण मिल जाता था।
सिंह ने बताया, ‘‘इसके बाद गिरोह चुरायी गई जानकारी का इस्तेमाल पीड़ित के क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने के लिए करता था। वह उसके जरिये पैसे बैंक खातों में अंतरित करता था या ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए महंगे मोबाइल फोन खरीदता था। बाद में धोखेबाज इन फोनों को स्थानीय खुदरा विक्रेताओं को रियायती दरों पर बेच देते थे और खुद को कंपनी का डीलर बताते थे।’’
पुलिस ने बताया कि तकनीकी निगरानी से पता चला कि शिकायतकर्ता को धोखाधड़ी वाली कॉल विकासपुरी इलाके से आयी थी। पुलिस ने बताया कि आगे की जांच में पता चला कि अपराध में इस्तेमाल किए गए ‘म्यूल’ खाते और फर्जी सिम कार्ड हरियाणा के पानीपत, पंजाब के बठिंडा और तेलंगाना के हैदराबाद से हैं।
पुलिस ने बताया कि विकासपुरी और हैदराबाद में एकसाथ छापेमारी की गई, जिसके बाद सरगना विजय शर्मा और उसके साथियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि शर्मा ने पीड़ितों को लुभाने के लिए चार महिला टेलीकॉलर्स को काम पर रखा था, जिसके बाद वह खुद कॉल हैंडल करता था, दुर्भावनापूर्ण एपीके फ़ाइल भेजता था और पैसे की हेराफेरी करता था।
पुलिस ने कहा कि मामले में आगे की जांच की जा रही है।