लखनऊ: दो मई (ए)।) लखनऊ की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने जमाकर्ताओं के साथ 800 से 1,000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में शहर स्थित ‘शाइन सिटी ग्रुप’ के मुख्य प्रवर्तक राशिद नसीम को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह जानकारी दी।
संघीय जांच एजेंसी ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा कि अदालत ने भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) 2018 की धारा 12 (1) के तहत 30 अप्रैल को आदेश जारी किया।एफईओए का उद्देश्य उन लोगों को न्याय के दायरे में लाना है जो कम से कम 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के बाद कानून के शिकंजे से बचने के लिए भारत से भाग गए हैं।
इस आदेश के साथ एजेंसी अब लगभग 128 करोड़ रुपये की संपत्ति को ‘‘जब्त’’ करने की दिशा में आगे बढ़ सकती है, जिसे उसने कंपनी, उसके प्रवर्तकों और अन्य के खिलाफ धनशोधन जांच के हिस्से के रूप में कुर्क किया था।
यह जांच धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक मामले से संबंधित हैं। ईडी ने नसीम और शाइन सिटी समूह की कंपनियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से दर्ज की गई 554 प्राथमिकियों पर संज्ञान लिया था।
ईडी ने कहा, ‘‘ प्राथमिकी में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है, जिसमें अधिक रिटर्न का वादा करके फर्जी रियल एस्टेट योजनाओं और मल्टी लेवल मार्केटिंग के जरिए 800 से 1,000 करोड़ रुपए एकत्र किए गए। निवेशकों के साथ धोखा किया गया।’’
ईडी के अनुसार नसीम ने ‘‘जानबूझकर’’ जांच से बचने की कोशिश की, समन जारी होने के बावजूद पेश नहीं हुआ, नेपाल के रास्ते भारत से फरार हो गया और अब वह दुबई में रह रहा है।
इसमें कहा गया है कि गैर-जमानती वारंट, लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) और इंटरपोल रेड नोटिस जारी होने के बावजूद नसीम ने आपराधिक कार्यवाही का सामना करने के लिए भारत लौटने से ‘‘इनकार’’ कर दिया।
इसके बाद ईडी ने एफईओए के तहत नसीम को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने संबंधी अर्जी दाखिल की।
ईडी ने कहा, ‘‘ राशिद नसीम को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है और 127.98 करोड़ रुपये मूल्य की जब्त संपत्तियों को कुर्क करने की कार्यवाही अब कानून के अनुसार की जाएगी।’’