लखनऊ के घरों में दूध पहुंचाने से पहले थूकने का आरोपी पुलिस हिरासत में

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ: छह जुलाई (ए)।) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विभिन्न इलाकों में घरों में दूध पहुंचाने से पहले उसमें कथित तौर पर थूकने के आरोपी दूधिया को रविवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस ने यह जानकारी दी। उसने कहा कि यह घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हुई है।  ‌

पुलिस के अनुसार आरोपी की पहचान मोहम्मद शरीफ उर्फ पप्पू के रूप में हुई है, जो लखनऊ के मल्हौर का निवासी है। स्थानीय निवासियों के अनुसार शरीफ कई सालों से इलाके के कई घरों में दूध पहुंचा रहा था।

शरीफ का यह कथित कृत्य तब प्रकाश में आया जब गोमती नगर के विनय खंड निवासी लव शुक्ला ने शनिवार सुबह सीसीटीवी फुटेज देखी और पाया कि शरीफ दूध पहुंचाने से पहले उसमें थूक रहा था। शुक्ला ने तुरंत गोमती नगर थाने में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) बृजेश तिवारी ने ‘ बताया ,‘‘आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। उससे घटना के बारे में पूछताछ की जा रही है। आगे की कार्रवाई जारी है।’’

यह घटना पिछले साल हुई ऐसी ही घटनाओं से मेल खाती है, जिसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितंबर में निर्देश जारी किए थे।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे सभी भोजन केंद्रों पर संचालकों, मालिकों और प्रबंधकों का नाम और पता अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया था कि रसोइये और ‘वेटर’ मास्क और दस्ताने पहनें। उन्‍होंने होटलों और रेस्तरां में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया था।

पिछली घटनाओं में पिछले साल 12 सितंबर का एक कथित वीडियो शामिल है, जिसमें सहारनपुर के एक भोजनालय में रोटी बनाते समय एक किशोर को थूकते हुए नजर आया था। उसके बाद मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया था।

इससे पहले, गाजियाबाद में एक जूस विक्रेता को कथित रूप से मूत्र के साथ फलों के रस परोसने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

ऐसी घटनाओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने पूरे राज्य में सभी होटलों, ढाबों, रेस्तरां और संबंधित प्रतिष्ठानों की गहन जांच और सत्यापन के निर्देश भी दिए थे। आम जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए आवश्यकतानुसार नियमों में संशोधन करने के निर्देश भी दिए गए।

आदित्‍यनाथ ने कहा,‘‘ढाबों, रेस्तरां और खाद्य प्रतिष्ठानों की गहन जांच की जानी चाहिए एवं प्रत्येक कर्मचारी का पुलिस सत्यापन किया जाना चाहिए। खाद्य पदार्थों की शुद्धता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम में आवश्यक संशोधन भी किए जाने चाहिए।’’

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