तीन महीने में 200 पुरुषों ने मेरा यौन उत्पीड़न किया: देह व्यापार गिरोह से बचाई गई बांग्लादेशी किशोरी

राष्ट्रीय
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पालघर: 11 अगस्त (ए)) महाराष्ट्र के पालघर जिले में देह व्यापार गिरोह के चंगुल से बचाई गई बांग्लादेश की 14 साल की पीड़िता ने पुलिस को बताया कि तीन महीने की अवधि में कम से कम 200 पुरुषों ने उसका यौन उत्पीड़न किया। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि पीड़िता के दावे की जांच की जा रही है।उन्होंने बताया कि मिरा-भाईंदर वसई-विरार पुलिस की मानव तस्करी रोधी इकाई (एएचटीयू) ने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘एक्सोडस रोड इंडिया फाउंडेशन’ और ‘हार्मनी फाउंडेशन’ के साथ संयुक्त अभियान में वसई के नायगांव स्थित एक फ्लैट पर 26 जुलाई को छापेमारी कर नाबालिग को बचाया था।

अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किये गये लोगों में से छह और 14 वर्षीय लड़की सहित पांच पीड़ितों में से तीन बांग्लादेश के नागरिक हैं।

उन्होंने बताया कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में 33 और 32 वर्ष की दो महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने कथित तौर पर नाबालिग को बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने में मदद की थी।

नायगांव पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक विजय कदम ने बताया कि अब तक दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि नाबालिग द्वारा सुधार केंद्र में दिए गए उसके बयान के अनुसार, पीड़िता को सबसे पहले गुजरात के नाडियाड में तस्करी कर लाया गया, जहां उसके साथ यौन शोषण किया गया।

हार्मनी फाउंडेशन के अध्यक्ष अब्राहम मथाई ने बताया कि लड़की स्कूल में एक विषय में फेल हो गई थी, जिसके बाद वह घर से भाग गई थी।

मथाई ने दावा किया कि इसके बाद पीड़िता की एक परिचित महिला ने उसे अवैध रूप से भारत में दाखिल होने में मदद की और फिर उसे देह व्यापार में धकेल दिया।

मथाई ने मांग की कि उन सभी 200 लोगों का पता लगाया जाना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए जिन्होंने कथित तौर पर पीड़िता का यौन शोषण किया।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लड़की को समय से पहले बड़ा दिखाने के लिए संभवतः हार्मोनल इंजेक्शन दिए गए होंगे।

मानवाधिकार कार्यकर्ता मधु शंकर ने कहा कि देश के विभिन्न भागों से ऐसे मामले सामने आए हैं, जब पीड़ितों को अल्पवयस्क अवस्था में ही अगवा कर लिया गया और उन्हें ऐसे गिरोह चलाने वाले लोगों के साथ रहने के लिए मजबूर किया गया और फिर ऐसे इंजेक्शन देकर नाबालिग अवस्था में ही देह व्यापार में धकेल दिया गया।

एमबीवीवी पुलिस आयुक्त निकेत कौशिक ने कहा कि पुलिस पूरे गिरोह का पर्दाफाश करने और असुरक्षित मसहूस करने वाले किशोरों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है।

एक अन्य अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि किशोरी के आरोपों की पुष्टि की जा रही है।

पुलिस के अनुसार, नायगांव में 26 जुलाई को पर्दाफाश किए गए देह व्यापार गिरोह की पीड़ितों को कथित तौर पर महाराष्ट्र के नवी मुंबई, पुणे, गुजरात, कर्नाटक और देश के अन्य स्थानों पर तस्करी कर ले जाया गया था।

पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में मुख्य आरोपी मोहम्मद खालिद अब्दुल बापारी (33) शामिल है, जो कथित तौर पर पीड़ितों को देह व्यापार के लिए विभिन्न शहरों में भेजता था। इसके अलावा एजेंट जुबेर हारुन शेख (38) और शमीम गफ्फार सरदार (39) को भी गिरफ्तार किया गया है।

अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने नाबालिग लड़की को बेहोश करने वाली दवाइयां भी दीं और उसे देह व्यापार में धकेलने के लिए गर्म चम्मच से दागा।

उन्होंने बताया कि इस गिरोह में शामिल अन्य लोगों को पकड़ने के लिए देश के विभिन्न स्थानों पर पुलिस टीम भेजी गई हैं।

पुलिस ने बताया कि 27 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम, विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया।