लखनऊ: 22 जून (ए) उत्तर प्रदेश सरकार ने नगरीय निकायों को अधिक वित्तीय स्वायत्तता देते हुए नगर पंचायतों को एक करोड़ व नगर पालिकाओं को दो करोड़ रुपये तक के कार्य स्वयं कराने की अनुमति दी है। एक आधिकारिक बयान में रविवार को यह जानकारी दी गई।
बयान में कहा गया कि नगर विकास विभाग ने 2021 में जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में व्यापक संशोधन करते हुए संचालन प्रक्रिया को अधिक सरल और जवाबदेह बनाया है। इसके तहत अब नगर पंचायतों को एक करोड़ रुपये और पालिका परिषदों को दो करोड़ रुपये तक के कार्य स्वयं करने की स्वायत्ता होगी। अब तक उन्हें केवल 40 लाख रुपये तक के कार्य कराने की ही अनुमति थी।
बयान के मुताबिक, नगरीय निकायों द्वारा करवाये जाने वाले निर्माण कार्यों में होने वाली गड़बड़ी या गुणवत्ता में कमी के लिए पचास-पचास प्रतिशत राशि संबंधित ठेकेदार और प्रशासनिक अधिकारी से वसूलने का भी प्रावधान किया गया है।
इसमें कहा गया है कि इसके अतिरिक्त नगरीय निकायों की विकास प्रक्रिया को तेज करने के लिये नई तकनीकि के इस्तेमाल पर भी जोर दिया जाएगा।
बयान के मुताबिक, प्रदेश के नगर विकास विभाग ने 74वें संविधान संशोधन के मुताबिक नगरीय निकायों को अधिक वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वायत्ता प्रदान की है।
नगर विकास विभाग ने प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा, “एसओपी में संशोधन से स्थानीय नगरीय निकायों को न केवल वित्तीय स्वायत्तता मिलेगी, बल्कि विकास कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। यह नगरीय प्रशासन को जनहित में अधिक प्रभावी बनाएगा।”