नयी दिल्ली: नौ जुलाई (ए) अखिल भारतीय विद्युत अभियंता महासंघ ने बुधवार को दावा किया कि निजीकरण और श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर में 27 लाख से अधिक बिजली क्षेत्र के कर्मचारी सड़क पर उतरे और श्रम संघों द्वारा आहूत आम हड़ताल में हिस्सा लिया।अखिल भारतीय विद्युत अभियंता महासंघ (एआईपीईएफ) ने बयान में कहा गया कि उत्तर प्रदेश के करीब एक लाख बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी, कनिष्ठ इंजीनियर और इंजीनियर अपने कार्य स्थलों से बाहर आए और उत्तर प्रदेश की दो बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किया।
बिजली कर्मचारियों एवं अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर देश के सभी प्रांतों के करीब 27 लाख बिजली कर्मचारियों ने एक दिवसीय हड़ताल कर उत्तर प्रदश के बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों के साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शित की है।
एआईपीईएफ के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि उपभोक्ताओं और कर्मचारियों के व्यापक हित में उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम तथा दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
बयान में कहा गया कि लखनऊ, वाराणसी, आगरा, तिरुवनंतपुरम, हैदराबाद, विजयवाड़ा, बेंगलुरु, पुडुचेरी, मुंबई, नागपुर, गांधीनगर, जबलपुर, रायपुर, कोरबा, भोपाल, कोलकाता, गुवाहाटी, शिलॉन्ग, भुवनेश्वर, रांची, पटना, श्रीनगर, जम्मू, शिमला, पटियाला, चंडीगढ़, जयपुर और दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे।
निजीकरण और केंद्र सरकार की अन्य नीतियों के विरोध में 10 केंद्रीय श्रम संघों के एक मंच ने बुधवार को एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया था।