विपक्षी दलों ने पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: 19 अगस्त (ए)) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को घोषणा की कि उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार हैं।

साथ ही उन्होंने देश के दूसरे सबसे बड़े पद के लिए होने वाले आगामी चुनाव को एक ‘‘वैचारिक लड़ाई’’ बताया।

जुलाई 1946 में जन्मे न्यायमूर्ति रेड्डी को दो मई, 1995 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया और बाद में पांच दिसंबर, 2005 को वह गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए गए।

वह 12 जनवरी, 2007 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बने और आठ जुलाई, 2011 को सेवानिवृत्त हुए।

न्यायमूर्ति रेड्डी 27 दिसंबर, 1971 को हैदराबाद में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए।

उन्होंने 1988 से 1990 के दौरान उच्च न्यायालय में सरकारी वकील के रूप में और 1990 के दौरान छह महीने के लिए केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता के रूप में भी काम किया।

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश उस्मानिया विश्वविद्यालय के कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील भी रह चुके हैं।

न्यायमूर्ति रेड्डी मार्च 2013 में गोवा के पहले लोकायुक्त बने थे, लेकिन सात महीने के भीतर ही निजी कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

वह हैदराबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता एवं मध्यस्थता केंद्र के न्यासी बोर्ड के सदस्य भी हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को घोषणा की कि न्यायमूर्ति रेड्डी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार होंगे।

खरगे ने कहा, ‘‘ ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी दलों ने एक साझा उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया है। यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। मुझे खुशी है कि सभी विपक्षी दल एक नाम पर सहमत हुए हैं। यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।’’

जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी भारत के सबसे सम्मानित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। आंध्र प्रदेश में जन्मे रेड्डी ने अपने कानूनी करियर की शुरुआत वकील के रूप में की थी। रेड्डी ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में जज के रूप में लंबे समय तक सेवा दी। इसके बाद वे गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। 2006में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने 2011तक अपनी सेवाएं दीं। अपने कार्यकाल के दौरान, रेड्डी ने सामाजिक न्याय, मौलिक अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करने वाले कई महत्वपूर्ण फैसलों में योगदान दिया।

मल्लिकार्जुन खरगे ने रेड्डी की उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए कहा ‘जस्टिस रेड्डी का चयन इसलिए किया गया क्योंकि वे संविधान के प्रति अपनी निष्ठा और निष्पक्षता के लिए जाने जाते हैं। यह चुनाव लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की लड़ाई है।’ रेड्डी का चयन विपक्ष की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वे एक ऐसे उम्मीदवार को सामने लाना चाहते थे जो न केवल अनुभवी हो, बल्कि संवैधानिक और नैतिकता के प्रतीक के रूप में भी देखा जाए।