मॉस्को: 21 अगस्त (ए)) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और समझा जाता है कि उन्होंने भारत-रूस संबंधों को और विस्तारित करने के तरीकों पर चर्चा की।
यह बैठक जयशंकर द्वारा रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ व्यापक वार्ता के कुछ घंटों बाद हुई, जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को बढ़ाने पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया गया।
जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय एजेंडे की समीक्षा की और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में, अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाने के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि चीन रूस से तेल का सबसे बड़ा खरीदार है, जबकि यूरोपीय संघ तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) का सबसे बड़ा आयातक है, इसलिए केवल भारत को निशाना बनाना “हैरान करने वाला” है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अमेरिकी तेल का भी आयात करता है, जिसकी मात्रा हाल के वर्षों में बढ़ी है।
वहीं द्विपक्षीय व्यापार को लेकर जयशंकर ने व्यापार संतुलन की आवश्यकता पर जोर दिया और कृषि, फार्मास्यूटिकल्स और वस्त्र जैसे क्षेत्रों में भारत के निर्यात को बढ़ाने की जरूरत बताई, जिससे असंतुलन को दूर करने में मदद मिलेगी। ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में व्यापार और निवेश को बनाए रखना दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है। क्षेत्रीय मुद्दों पर, दोनों नेताओं ने यूक्रेन, पश्चिम एशिया, मध्य पूर्व और अफगानिस्तान की स्थिति पर विचार-विमर्श किया। जयशंकर ने दोहराया कि भारत की नीति संवाद और कूटनीति के माध्यम से विवादों के समाधान पर केंद्रित है।
रक्षा क्षेत्र पर बात करते हुए, जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस के बीच रक्षा और सैन्य-तकनीकी सहयोग मजबूत बना हुआ है। उन्होंने बताया कि रूस, संयुक्त उत्पादन और तकनीकी हस्तांतरण के जरिए भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल का समर्थन कर रहा है।