राकांपा नेता धनंजय मुंडे ने बंजारा समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग की

राष्ट्रीय
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छत्रपति संभाजीनगर/जालना: 15 सितंबर (ए) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता धनंजय मुंडे ने सोमवार को कहा कि बंजारा समुदाय को अन्य राज्यों की तरह महाराष्ट्र में भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाना चाहिए।

वह हैदराबाद गजट के तहत अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर समुदाय द्वारा बीड में आयोजित एक रैली को संबोधित कर रहे थे। नेताओं ने दावा किया कि आरक्षण के लिए संघर्ष करने वाले कार्यकर्ता मनोज जरांगे के आंदोलन के बाद मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र देने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।

बंजारा समुदाय महाराष्ट्र में विमुक्त जाति और घुमंतु जनजातियों (वीजेएनटी) खंड का हिस्सा है।

मुंडे ने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार को बंजारा समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए एक समिति गठित करनी चाहिए। यह राजस्थान और तेलंगाना सहित कई राज्यों में अनुसूचित जनजाति वर्ग का हिस्सा है।’

मुंडे पूर्व मंत्री हैं। उन्होंने संतोष देशमुख हत्या मामले में अपने करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी के बाद मचे बवाल के पश्चात इस साल मार्च में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

उन्होंने कहा कि वह रैली में केवल इसलिए शामिल हो सके क्योंकि अब वह राज्य सरकार में मंत्री नहीं हैं।

जालना में भी समुदाय ने इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया, जहां प्रतिभागियों ने सफेद झंडे लहराए और अपने आध्यात्मिक गुरु सेवालाल महाराज के जयकारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने मामा देवी चौक से अंबड चौक तक मार्च निकाला।

एमएलसी राजेश राठौड़ ने कहा, ‘हम हैदराबाद गजट के अनुसार आरक्षण की मांग कर रहे हैं, जिसमें हमारे समुदाय को एसटी श्रेणी में रखा गया है। सरकार को एक महीने के भीतर कदम उठाने चाहिए अन्यथा हम एक बड़े मोर्चे के साथ अपने आंदोलन को तेज करेंगे।’

पूर्व सांसद हरिभाऊ राठौड़ ने विरोध प्रदर्शन में कहा कि हैदराबाद गजट ऐतिहासिक साक्ष्य है और बंजारा समुदाय को न्याय मिलना चाहिए।

शनिवार को धाराशिव निवासी 32 वर्षीय बंजारा स्नातक द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या कर लेने और समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए एक नोट छोड़ने के बाद आंदोलन ने गति पकड़ ली। इसके अलावा दो बंजारा युवक 11 सितंबर से जालना जिलाधीश कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।