अखिलेश यादव की आजम खां से मुलाकात महज वोट बैंक की सियासत:भाजपा
अखिलेश यादव की आजम खां से मुलाकात महज वोट बैंक की सियासत:भाजपा
- Bhasha
- Publish Date – October 8, 2025 / 08:43 PM IST,
Updated On – October 8, 2025 / 08:43 PM IST

लखनऊ, आठ अक्टूबर (ए) रामपुर में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव की पार्टी नेता आजम खां से मुलाकात सियासी हलकों में चर्चा का विषय बनी है। उत्तर प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों ने इस मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव की चुटकी ली है।
सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जे पी एस राठौर और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि 23 महीने तक जेल में रहे आज़म की सुध लेने की बजाय, अब जमानत के बाद अखिलेश ‘घड़ियालू आंसू’ बहाने रामपुर पहुंचे हैं, यह सपा के मुस्लिम वोटबैंक को साधने की सियासी मजबूरी है।
राठौर ने कहा, ‘‘अखिलेश को 23 महीने तक आज़म खान की याद नहीं आई, जब वह जेल में थे। आजम ने खुद कहा कि जेल में उनके परिवार की किसी ने सुध नहीं ली। अखिलेश ने रामपुर में आजम का विकल्प खड़ा कर उनकी राजनीति खत्म करने की कोशिश की। अब वोटबैंक खिसकता देख वह आजम से मिलने जा रहे हैं। यह महज स्टंटबाजी है।’’
राठौर ने कहा, ‘‘ अखिलेश को न आजम से लगाव है, न किसी और से, उनकी एकमात्र चिंता वोटबैंक है। दूसरों की परेशानी में अखिलेश पहुंच जाते थे, लेकिन आजम से जेल में कभी नहीं मिले। दोस्ती में गांठ पड़ने के बाद उसका कोई मतलब नहीं रहता, यह आजम भी समझते हैं।’’
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा,‘‘यादव ने आज़म से मिलने में बहुत देर कर दी। उनकी पार्टी के नेता है मिलना तो बनता है लेकिन मैं फिर यह कह रहा हूं कि उन्होंने मिलने में बहुत देर कर दी। अगर उन्हें आजम की चिंता होती, तो जमानत के तुरंत बाद मिलने जाते। अब वोटबैंक खिसकने का डर उन्हें रामपुर ले जा रहा है।’’
उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने यादव पर करारा हमला बोला है।
एक बयान में उन्होंने कहा कि अखिलेश की आजम से मुलाकात राजनीतिक मजबूरी का नतीजा है।
राजभर ने कहा,‘‘आजम खान 23 महीने जेल में रहे, लेकिन यादव एक बार भी मिलने नहीं गए। अब जेल से छूटने के बाद उन्हें आजम खान की याद आ गई।’’
उन्होंने व्यंग्य किया ,‘‘ अखिलेश को डर सता रहा है कि कहीं आजम खां और शिवपाल सिंह यादव मिलकर कोई खेल न कर दें। समाजवादी पार्टी में इन दोनों नेताओं की गहरी पकड़ है, और अखिलेश को इसी टूट का भय है।’’
राजभर ने कहा,‘‘आजम खां की सपा में अब भी वही हनक बरकरार है। अखिलेश यादव का रामपुर जाकर उनके दरवाजे पर नाक रगड़ना इसी बात का सबूत है।’’
उन्होंने तंज कसा,‘‘ आजम खां की शर्त थी कि अखिलेश उनकी देहरी पर जाकर नाक रगड़ें और अखिलेश जी रामपुर पहुंच गए। यह दिखाता है कि सपा में अब भी आजम की स्थिति मजबूत है।’’
एक बयान के मुताबिक सरकार के मंत्रियों ने समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख की रामपुर में आजम खां से मुलाकात को वोटबैंक बचाने की सियासी चाल करार दिया।