सीतामढ़ी/बेतिया: आठ नवंबर (ए)
) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में हुए 65.09 प्रतिशत मतदान ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन को “65 वोल्ट का झटका” दिया है और अब उसकी “रात की नींद उड़ गई” है।
मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने व्यापक प्रचार अभियान का समापन करते हुए दावा किया कि अगर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाला विपक्ष सत्ता में आता है, तो “लोगों के सिर पर ‘कट्टा’ रखकर उनसे हाथ ऊपर करवाएगा।”
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की जीत का पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि पहले चरण में भारी मतदान राजग के पक्ष में गया है। उन्होंने कहा, “आप लोगों ने विपक्ष को 65 वोल्ट का झटका दिया है। अब वे रातों की नींद खो चुके हैं।”
मोदी ने मतदाताओं से अपील की कि वे “11 नवंबर को पहले चरण का रिकॉर्ड तोड़ दें” और सुनिश्चित करें कि राजग न केवल सभी सीट जीते बल्कि “हर बूथ पर बढ़त” बनाए।
उन्होंने कहा, “मैंने अपना अभियान भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की जन्मभूमि से शुरू किया था और आज मैं उसे उस भूमि पर समाप्त कर रहा हूं जहां बापू गांधी महात्मा बने थे।”
यह कहते हुए प्रधानमंत्री ने पश्चिम चंपारण के बेतिया में अपनी अंतिम सभा को ऐतिहासिक बताया।
मोदी ने कहा, “मेरा प्रचार आज समाप्त हो रहा है, लेकिन कल भी कार्यकर्ता जनता के बीच जाएंगे। मतदान के दिन असली काम मतदाताओं का है। मैं फिर आऊंगा—नई राजग सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के लिए।”
प्रधानमंत्री ने इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने “जंगलराज का अंत किया।”
नीतीश कुमार केवल मोदी की पहली सभा में शामिल हुए थे, जिसे विपक्ष ने मुद्दा बनाया था।
राजद पर प्रहार करते हुए मोदी ने कहा, “राजद ने कांग्रेस के सिर पर ‘कट्टा’ रखकर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करवाया।”
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब ‘कट्टा सरकार’ नहीं, ‘स्टार्टअप सरकार’ चाहती है, जो केवल राजग दे सकता है।
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि राजद के प्रचार में बच्चे मंच पर “रंगदार” बनने की इच्छा जता रहे हैं और “कट्टा” एवं “दुनाली” दिखा रहे हैं, जो बताता है कि वे फिर से अपराध के दिनों को वापस लाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “बिहार के लोग अब जंगलराज वालों को वोट नहीं देना चाहते। वे विकास, रोजगार और आत्मनिर्भरता के लिए वोट देंगे।”
मोदी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “कांग्रेस के नामदार” राहुल गांधी “डूबने की प्रैक्टिस” कर रहे हैं, जो हाल में एक तालाब में मछुआरों के साथ कूदे थे। उन्होंने गांधी के “वोट चोरी” के आरोप को “हार से पहले बहाना बनाने की नेट प्रैक्टिस” बताया।
मोदी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी का छठ पर्व के दौरान यमुना में डुबकी लगाने के उनके रद्द किए गए कार्यक्रम की आलोचना “बिहार के सबसे लोकप्रिय त्योहार का अपमान” है।
उन्होंने हिंदुत्व कार्ड खेलते हुए कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता अयोध्या जाने से बचते हैं, जहां सिर्फ भगवान श्रीराम का मंदिर नहीं, बल्कि महर्षि वाल्मीकि, माता शबरी और निषादराज के भी मंदिर हैं।
उन्होंने कहा कि यह “दलितों और पिछड़ों के प्रति उनकी घृणा” का प्रमाण है।
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर “घुसपैठियों को संरक्षण देने” का आरोप दोहराया और कहा कि विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) इसी उद्देश्य से किया गया था ताकि घुसपैठियों की पहचान की जा सके।
उन्होंने कहा कि विपक्ष “धार्मिक कट्टरपंथियों के आगे झुकने” के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि उसने तीन तलाक और वक्फ कानून जैसे मुद्दों पर सरकार का समर्थन नहीं किया।
जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर द्वारा उठाए गए पलायन मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए मोदी ने कहा कि अगली राजग सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि बिहार के बेटे अपनी मिट्टी पर ही रोजगार पाएं और राज्य का गौरव बढ़ाएं।
मोदी ने कहा कि बिहार की माताओं और बहनों ने “जंगलराज की सबसे बड़ी पीड़ा झेली है” और इस बार “मतदान केंद्रों के चारों ओर उन्होंने सुरक्षा का किला बना दिया है ताकि जंगलराज लौट न सके।”
प्रधानमंत्री ने राज्य में लगभग 14 सभाओं और एक रोड शो के जरिए करीब एक महीने में अपने प्रचार अभियान को पूरा किया।