नयी दिल्ली: 11 नवंबर (ए)
) दिल्ली उच्च न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद को वह विज्ञापन प्रसारित करने से रोक दिया है, जिसमें अन्य ‘च्यवनप्राश’ उत्पादों को ‘धोखा’ बताया गया था। अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद को निर्देश दिया कि वह सभी इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल और प्रिंट माध्यमों से इस विज्ञापन को हटाए।
उच्च न्यायालय ने कहा कि विज्ञापन के माध्यम से यह संदेश देना कि केवल पतंजलि का ही उत्पाद असली है और अन्य भ्रामक हैं, ‘‘यह गलत है और सामान्य तौर च्यवनप्राश की सभी श्रेणी को बदनाम करता है।’’