नयी दिल्ली: चार मई (ए)।) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर कहा है कि उनकी पार्टी ने अतीत में बहुत सी ‘गलतियां’ उस वक्त कीं जब वह पार्टी में नहीं थे, लेकिन पार्टी ने अपने इतिहास में जो कुछ भी गलत किया है, उसकी जिम्मेदारी वह सहर्ष स्वीकारते हैं।
उनका यह भी कहना है कि अतीत में उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि 1980 के दशक में जो हुआ वह “गलत” था।राहुल गांधी ने यह टिप्पणी बीते 21 अप्रैल को अमेरिका में ब्राउन विश्वविद्यालय के ‘वॉटसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स’ में एक संवाद सत्र के दौरान की थी। बातचीत का वीडियो शनिवार को “वॉटसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स” के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था। संवाद सत्र के दौरान एक सिख छात्र ने सवाल किया कि वह सिख समुदाय के साथ तालमेल बैठाने के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं और उसने 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र किया। छात्र ने अमेरिका की पिछली यात्रा के दौरान राहुल गांधी की उस टिप्पणी का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने कहा था कि वह जो लड़ाई लड़ रहे हैं, वह इस बात को लेकर है कि भारत में सिखों को पगड़ी पहनने की इजाजत होगी या नहीं।मुझे नहीं लगता कि कोई भी चीज़ सिखों को डराती है। मैंने जो बयान दिया था वह यह था कि क्या हम ऐसा भारत चाहते हैं जहां लोग अपने धर्म को व्यक्त करने में असहज हों? जहां तक कांग्रेस पार्टी की गलतियों का सवाल है, उनमें से कई गलतियां तब हुईं जब मैं वहां (पार्टी में) नहीं था, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अपने इतिहास में जो कुछ भी गलत किया है, उसकी जिम्मेदारी सहर्ष स्वीकारता हूं।” उनका कहना था, “मैंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि 80 के दशक में जो हुआ वह गलत था, मैं कई बार स्वर्ण मंदिर गया हूं, भारत में सिख समुदाय के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं और उनके साथ प्रेमपूर्ण संबंध हैं।” बातचीत के वीडियो के इस हिस्से को टैग करते हुए, भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने शनिवार को कहा, “एक युवक राहुल गांधी से उनके सामने यह कहता है, उन्हें उस निराधार भय फैलाने की याद दिलाता है जो उन्होंने अपनी पिछली अमेरिका यात्रा के दौरान किया था।”कांग्रेस नेता ने कहा,”यह मेरे लिए भारतीय परंपरा और भारतीय इतिहास का आधार है। मैं भारत में एक भी ऐसे व्यक्ति को नहीं जानता, जिसे हम महान मानते हैं, जो इस प्रकार का नहीं था। हमारे सभी पौराणिक व्यक्तित्व, भगवान राम उस प्रकार के थे, जहां वह क्षमाशील थे, दयालु थे। इसलिए, भाजपा जो कहती है, मैं उसे बिल्कुल भी हिंदू विचार नहीं मानता। मैं हिंदू विचार को बहुत अधिक बहुलवादी, बहुत अधिक अपनत्व वाला, बहुत अधिक स्नेही, बहुत अधिक सहिष्णु और खुला मानता हूं।” उन्होंने यह भी कहा था कि हर एक राज्य और हर समुदाय में ऐसे कई लोग हैं जो उन विचारों के लिए खड़े हुए, उन विचारों के लिए जिए और उन विचारों के लिए मर गए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का कहना था, ” गांधी जी उन लोगों में से एक हैं, शायद आधुनिक समय में सर्वश्रेष्ठ…मेरे हिसाब से लोगों के प्रति नफरत और गुस्सा, डर की वजह से आता है। यदि आप डरते नहीं हैं, तो आप किसी से नफरत नहीं करते हैं।” उन्होंने भाजपा की भी आलोचना की और इसे “फ्रिंज ग्रुप” करार दिया। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा की अवधारणा को हिंदू अवधारणा के रूप में नहीं देखता हूं। सोच की दृष्टि से वे एक अलग समूह हैं, वे मुख्यधारा में नहीं हैं। अब जब उन्होंने राजनीतिक सत्ता हासिल कर ली है, उनके पास बहुत सारा धन है और उन्हें सत्ता मिल गई है, लेकिन वे किसी भी तरह से भारतीय विचारकों के बड़े बहुमत का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।” उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, मालवीय ने रविवार को कहा, “भगवान राम कोई पौराणिक व्यक्ति नहीं हैं, वह भारत के मूल्यों, संस्कृति और आध्यात्मिक सार का प्रतीक हैं। वह उस मर्यादा, बलिदान और धार्मिक नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसने हजारों वर्षों से हमारी सभ्यता को आकार दिया है। वह भारत की आत्मा हैं ।” मालवीय ने कहा, “राहुल गांधी और कांग्रेस को दुनिया भर के करोड़ों करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का मजाक उड़ाना बंद करना चाहिए। उनके जैसे लोग और राजनीतिक दल आएंगे और जाएंगे, लेकिन भगवान राम हमेशा धर्म के शाश्वत प्रतीक और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।”