नयी दिल्ली: 17 अप्रैल (ए) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को इस विवादास्पद मुद्दे पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की कि क्या मुस्लिम समुदाय को पैतृक संपत्तियों के मामले में शरीयत के बजाय धर्मनिरपेक्ष भारतीय उत्तराधिकार कानून के तहत लाया जा सकता है और इससे उनकी आस्था पर भी कोई आंच नहीं आए।
