बीजिंग: तीन सितंबर (ए)) चीन में बुधवार को आयोजित सैन्य परेड में हाइपरसोनिक, लेजर और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों सहित कुछ अत्याधुनिक साजो सामान का पहली बार प्रदर्शन किए जाने के साथ राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि उनके देश का कायाकल्प ‘‘निर्बाध जारी’’ रहेगा।द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी आक्रमण के विरुद्ध चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित एक भव्य परेड को संबोधित करते हुए शी ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से राष्ट्रीय पुनरुद्धार के लिए रणनीतिक समर्थन प्रदान करने तथा विश्व शांति एवं विकास में अधिक योगदान देने का आह्वान किया।
चीनी सेना ने पहली बार परेड में अपने कुछ सबसे उन्नत सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन किया, जो विश्व, विशेषकर अमेरिका के समक्ष शक्ति प्रदर्शन था।
पीएलए की उच्च कमान केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के प्रमुख शी ने चीनी सेना से खुद को विश्व स्तरीय सुरक्षा बल बनाने और राष्ट्रीय संप्रभुता, एकता एवं क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करने को कहा।
अमेरिका के बाद चीन दूसरा सबसे बड़ा रक्षा बजट वाला देश है। इस साल इसका वार्षिक रक्षा बजट 250 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
सैन्य साजो-सामान के अलावा परेड में चीन की कूटनीतिक शक्ति का भी प्रदर्शन हुआ, क्योंकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन सहित 26 विदेशी नेताओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
भारत के पड़ोसी देशों से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने परेड में भाग लिया।
सूत्रों के अनुसार, चीन में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
जापान और दक्षिण कोरिया के अलावा अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रमुखों ने भी परेड से दूरी बनाए रखी है।
परेड में विदेशी नेताओं की उपस्थिति, जापान और चीन के बीच कूटनीतिक विवाद का विषय बन गई है, क्योंकि तोक्यो ने विश्व नेताओं से इसमें भाग न लेने का आग्रह किया था।
चीन ने विश्व नेताओं से इस कार्यक्रम में शामिल न होने के अनुरोध को लेकर जापान के समक्ष कूटनीतिक विरोध दर्ज कराया है।
अपने भाषण में शी चिनफिंग ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के खिलाफ जीत आधुनिक समय में विदेशी आक्रमण के खिलाफ चीन की पहली पूर्ण विजय है।
शी ने कहा कि यह जीत सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के नेतृत्व में जापानी आक्रमण के खिलाफ एक राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चे के तहत हासिल की गयी थी। उन्होंने कहा कि चीनी लोगों ने युद्ध में अपार बलिदान देकर मानव सभ्यता के उद्धार और विश्व शांति की रक्षा में एक बड़ा योगदान दिया था।
पुतिन और किम के साथ खड़े होकर उन्होंने कहा, ‘‘जब दुनिया भर के देश एक-दूसरे के साथ बराबरी का व्यवहार करेंगे, सद्भाव से रहेंगे और एक-दूसरे का समर्थन करेंगे, तभी साझा सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है, युद्ध के मूल कारण को खत्म किया जा सकता है और ऐतिहासिक त्रासदियों को दोबारा होने से रोका जा सकता है।’’
शी ने कहा, ‘‘आज मानवता को फिर से शांति या युद्ध, संवाद या टकराव, तथा लाभ या नुकसान के बीच चुनाव करना पड़ रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चीनी लोग इतिहास के सही पक्ष और मानव प्रगति के पक्ष में दृढ़ता से खड़े रहेंगे, शांतिपूर्ण विकास के मार्ग पर कायम रहेंगे और मानवता के साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण के लिए शेष विश्व के साथ हाथ मिलाएंगे।’’
उन्होंने सभी जातीय समूहों के चीनी लोगों से एकजुट रहने और सीपीसी के ‘‘मजबूत नेतृत्व’’ के तहत कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया ताकि ‘‘एक मजबूत देश का निर्माण किया जा सके और सभी मोर्चों पर राष्ट्रीय कायाकल्प को आगे बढ़ाया जा सके।’’
परेड में चीन ने पहली बार नयी हथियार प्रणालियों की एक श्रृंखला प्रदर्शित की, जिसमें नए प्रकार की डीएफ-5सी तरल-ईंधन वाली अंतरमहाद्वीपीय सामरिक परमाणु मिसाइलें शामिल थीं।
सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ अखबार ने बताया कि इस मिसाइल की अनुमानित सीमा 20,000 किलोमीटर से अधिक है तथा इसमें सटीक निशाना लगाने की क्षमता है।
उसने एक विशेषज्ञ के हवाले से बताया कि यह मिसाइल दुनिया के किसी भी हिस्से तक पहुंच सकती है।
परेड में जिन अन्य हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया, उनमें वाहन-आधारित लेजर रक्षा हथियार, चार प्रकार के विमानवाहक-आधारित जेट लड़ाकू विमान, समुद्र में गहरायी तक मार करने वाले ड्रोन, एच-6जे लंबी दूरी के बमवर्षक, हवाई पूर्व चेतावनी विमान, सेना और नौसेना के ड्रोन, 5000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली डीएफ-26डी जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइलें, सीजे-1000 लंबी दूरी की हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलें, वायु रक्षा प्रणालियां, एचक्यू-29 बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्टर, ‘कैरियर किलर’ मिसाइलें, नया युद्धक टैंक टाइप 99बी और कई रॉकेट लॉन्चर शामिल हैं।