प्रयागराज: 31 अक्टूबर (ए)
) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि किशोर न्याय अधिनियम के तहत एक किशोर की दोषसिद्धि, किसी भी सेवा में उसकी नियुक्ति के लिए अयोग्यता नहीं मानी जाएगी।
किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम, 2000 की धारा 19 यह व्यवस्था देती है कि अपराध करने के लिए इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी करार दिए गए किसी किशोर को दोषसिद्धि की वजह से अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा।