नई दिल्ली,28 जून (एएनएस)। हम जिस सुशासन और गुड गवर्नेंस की बात करते हैं, जिस नये भारत निर्माण की हम परिकल्पना कर रहे हैं, ये सब तभी मुमकिन हो सकता है जब देश की सरकार न्यायिक और पुलिस पुनर्सुधार के लिए गंभीरता के साथ डेढ दशक से ज्यादा समय से धूल खा रही संसुस्तियों को लागू करने का साहसिक कदम उठाएगी।
