पटना: 11 अक्टूबर (ए)) भोजपुरी फिल्मों के मशहूर अभिनेता पवन सिंह ने शनिवार को घोषणा की कि वह बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक ‘‘सिपाही’’ के रूप में पार्टी के साथ जुड़े रहेंगे।
सिंह का यह बयान ऐसे समय आया है जब ऐसी अटकलें थीं कि पवन सिंह भोजपुर जिले की सात विधानसभा सीटों में से किसी एक विशेषकर आरा या बड़हरा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। हाल ही में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के प्रमुख तथा राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की थी जिसके बाद ही अटकलों को बल मिला था.पवन सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं, पवन सिंह, अपने भोजपुरी समाज को यह जानकारी देना चाहता हूं कि मैं विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पार्टी (भाजपा) में शामिल नहीं हुआ था और न ही मैं चुनाव लड़ना चाहता हूं। मैं पार्टी का एक सच्चा सिपाही हूं और आगे भी रहूंगा।’उन्होंने अपने पोस्ट में अमित शाह के साथ अपनी एक तस्वीर भी साझा की।
पवन सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव में काराकाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में किस्मत आजमाई थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी। इस सीट से सीपीआई (एमएल) लिबरेशन के राजा राम कुशवाहा विजयी हुए थे।
इसी बीच, शुक्रवार को पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने पटना में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर से मुलाकात की, जिससे यह अटकलें तेज हो गईं कि उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी का टिकट मिल सकता है।
हालांकि मुलाकात के बाद प्रशांत किशोर ने मीडिया से कहा, ‘‘ज्योति जी आज हमसे मिलने आई थीं, मैं साफ कर देना चाहता हूं कि चुनाव लड़ना या टिकट लेना उनका उद्देश्य नहीं है। वह अपने सामने आ रही परेशानियों को साझा करने आई थीं।’’
पिछले कुछ महीनों में ज्योति सिंह ने कई नेताओं से मदद की गुहार लगाई है। हाल के दिनों में पति-पत्नी के बीच विवाद तब और गहरा गया जब ज्योति सिंह लखनऊ स्थित पवन सिंह के फ्लैट पर उनसे मिलने पहुंचीं।
करीब डेढ़ घंटे तक मुलाकात के बाद पवन सिंह वहां से चले गए, जबकि ज्योति वहीं रहीं। बाद में पुलिस को वहां बुलाया गया, ज्योति ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें घर से बाहर निकालने की धमकी दी गई।