प्रारंभिक परीक्षा के बाद अंतरिम उत्तर कुंजी प्रकाशित करने निर्णय लिया गया है: यूपीएससी

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: चार अक्टूबर (ए)) संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि उसने प्रारंभिक परीक्षा आयोजित होने के बाद अंतरिम उत्तर कुंजी प्रकाशित करने का निर्णय लिया है।

आयोग प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करता है।पिछले महीने उच्चतम न्यायालय में दाखिल एक हलफनामे में आयोग ने कहा कि अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद अंतिम उत्तर कुंजी प्रकाशित की जाएगी।

यह हलफनामा सिविल सेवा परीक्षा से संबंधित एक लंबित याचिका पर दाखिल किया गया था।

यूपीएससी ने कहा कि मामले के लंबित रहने के दौरान उसने अदालत द्वारा नियुक्त न्यायमित्र के सुझाव समेत विभिन्न कारकों पर विचार-विमर्श किया है।

अधिवक्ता वर्धमान कौशिक के माध्यम से दाखिल किये गये हलफनामे में कहा गया है,‘‘व्यापक विचार-विमर्श और एक संवैधानिक निकाय के रूप में यूपीएससी को सौंपी गई पवित्र भूमिका को ध्यान में रखते हुए, आयोग सुविचारित निर्णय पर पहुंचा है कि प्रारंभिक परीक्षा आयोजित होने के बाद अंतरिम उत्तर कुंजी प्रकाशित किया जाए।’’

हलफनामे में कहा गया है कि परीक्षा में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों से अभ्यावेदन या आपत्तियां मांगी जायेंगी।

हलफनामे में कहा गया है कि प्रत्येक ऐसे अभ्यावेदन या आपत्ति के समर्थन में तीन प्रामाणिक स्रोत होने चाहिए तथा जिन आपत्तियों के पक्ष में प्रामाणिक स्रोत नहीं हो, उन्हें शुरुआत में ही खारिज कर दिया जाना चाहिए।

हालांकि, आयोग यह तय करेगा कि प्रस्तुत स्रोत प्रामाणिक हैं या नहीं।

हलफनामे में कहा गया है कि अंतरिम उत्तर कुंजी तथा प्रश्न पत्र एवं उत्तर कुंजी पर उम्मीदवारों से प्राप्त आपत्तियों या अभ्यावेदन को संबंधित विषय के विशेषज्ञों के एक समूह या टीम के समक्ष रखा जाएगा, जो सभी पहलुओं पर गहन विचार करेगी और उत्तर कुंजी को अंतिम रूप देगी।

आयोग ने कहा कि विषय विशेषज्ञों की टीम द्वारा तैयार की गई ऐसी अंतिम उत्तर कुंजी प्रारंभिक परीक्षा के परिणामों की घोषणा का आधार बनेगी।

हलफनामे में कहा गया है कि आयोग इन प्रक्रियाओं का पालन यथाशीघ्र शुरू करना चाहता है।

इसमें कहा गया है, ‘‘यूपीएससी द्वारा लिया गया निर्णय याचिका में उठाई गई शिकायतों का प्रभावी और पर्याप्त निवारण माना जाए तथा यह यूपीएससी के कामकाज में पारदर्शिता के स्तर को बढ़ाने और जनहित को आगे बढ़ाने के लिए भी है।’’