ओरैया (उप्र): 11 जुलाई (ए)) ओरैया की एक स्थानीय अदालत ने एक महिला को अपने तीन बच्चों को सेंगर नदी में डुबोकर मारने के लिए फांसी की सजा सुनाई, वहीं उसके प्रेमी को इस नृशंस अपराध में शामिल होने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
जिला शासकीय अधिवक्ता के अनुसार इस मामले में महिला के नौ साल के सबसे बड़े बेटे की गवाही ने महिला को सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह लड़का बच गया था।जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्र ने बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सैफ अहमद ने इस मामले में महिला को आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई, वहीं उसके प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी।
उन्होंने बताया कि इस मामले में अदालत ने महिला पर ढाई लाख रुपये और उसके प्रेमी पर एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया।
मिश्र ने बताया कि इटावा जिले के चौबिया थाना क्षेत्र के ग्राम लुहिया कला निवासी मनीष ने 27 जून, 2024 को सदर कोतवाली में अपनी भाभी प्रियंका और उसके प्रेमी आशीष उर्फ डैनी के खिलाफ एक रिपोर्ट दर्ज करायी थी, जिसमें कहा गया था कि उसके बड़े भाई अवनीश की कई साल पहले मृत्यु हो चुकी है और उसकी पत्नी प्रियंका अपने बच्चों सोनू (09), माधव (06), आदित्य (04) व मंगल (02) के साथ बरौआ थाना फफूंद में रहती है।
प्राथमिकी के मुताबिक, मनीष की भाभी का आशीष से प्रेम प्रसंग हो गया। इसमें कहा गया कि 27 जून 2024 की सुबह लगभग पांच बजे आशीष और प्रियंका एक योजना के तहत चारों भतीजों को सेंगुर नदी पर ले गए जहां चारों बच्चों को नदी में डुबोकर जान से मारने का प्रयास किया।
प्राथमिकी के मुताबिक, इस घटना में सोनू किसी तरह से अपनी जान बचाकर मौके से भाग गया, जबकि तीन अन्य भतीजों की मौत हो गई। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। साथ ही एक रिपोर्ट दर्ज करके प्रियंका और आशीष के खिलाफ अदालत में एक आरोप पत्र दाखिल किया।
उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को निर्णय सुनाते हुए अदालत ने इस कृत्य को दुर्लभ से दुर्लभतम बताया और कहा कि अबोध बच्चों की हत्या करना एक घृणित कृत्य है जो समाज और मानवता के विरुद्ध है।