नयी दिल्ली: 24 जुलाई (ए)) उच्चतम न्यायालय ने 2006 के मुंबई ट्रेन बम विस्फोट मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी करने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले पर बृहस्पतिवार को रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मामले के सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया और राज्य सरकार की अपील पर उनसे जवाब मांगा।शीर्ष न्यायालय ने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले को नजीर न माना जाए।
उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की विशेष पीठ ने सोमवार को सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया था और कहा था कि अभियोजन पक्ष मामले को साबित करने में पूरी तरह विफल रहा था ‘‘यह विश्वास करना मुश्किल है कि आरोपियों ने अपराध किया है।’’
विशेष अदालत ने इन 12 आरोपियों में से पांच को मौत की सजा और सात को उम्रकैद की सजा सुनायी थी। मौत की सजा पाने वाले एक दोषी की 2021 में मौत हो गयी थी।
मुंबई की लोकल ट्रेन में विभिन्न स्थानों पर 11 जुलाई 2006 को हुए सात विस्फोटों में 180 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी थी।
उच्च न्यायालय ने 2015 में एक विशेष अदालत द्वारा दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देने वाली आरोपियों की अपीलों को स्वीकार कर लिया था।