इस्लामाबाद: दो जून (ए)।
) भारत के साथ हालिया संघर्ष के बाद अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य से पाकिस्तान का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल वैश्विक कूटनीतिक प्रयास के तहत अमेरिका की यात्रा कर रहा है। इस प्रतिनिधिमंडल में तीन पूर्व विदेश मंत्री शामिल हैं।
विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान ने कूटनीतिक समर्थन जुटाने के लिये दो प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग दिशाओं में भेजे हैं।
यह कदम भारत द्वारा पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद अपने कूटनीतिक संपर्क के तहत 33 वैश्विक राजधानियों में सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के बाद उठाया गया है।
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गये थे।
विदेश कार्यालय ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के निर्देश पर एक उच्च-स्तरीय बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार से न्यूयॉर्क, वाशिंगटन, लंदन और ब्रसेल्स का दौरा कर रहा है।’’
नौ-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में संघीय मंत्री मुसादिक मलिक, पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और खुर्रम दस्तगीर खान, पूर्व मंत्री सैयद फैसल अली सुब्जवारी और शेरी रहमान, सीनेटर बुशरा अंजुम बट शामिल हैं। इसमें दो पूर्व विदेश सचिव- जलील अब्बास जिलानी और तहमीना जंजुआ भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री के विशेष सहायक सैयद तारिक फातमी के नेतृत्व में एक अन्य प्रतिनिधिमंडल दो जून से मास्को का दौरा कर रहा है। हालांकि इसके सदस्यों के बारे में विवरण साझा नहीं किया गया है।
विदेश कार्यालय ने कहा कि दोनों प्रतिनिधिमंडल अंतरराष्ट्रीय निकायों, सार्वजनिक पदाधिकारियों, वरिष्ठ अधिकारियों, सांसदों, थिंक टैंक, मीडिया और प्रवासी समुदाय के सदस्यों के साथ बैठकों की एक शृंखला में शामिल होंगे।
इसने कहा, ‘‘इन प्रतिनिधिमंडलों के दौरे का उद्देश्य हाल ही में भारत की आक्रामकता पर पाकिस्तान के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करना है।’’ उन्होंने कहा कि वे ‘‘इस बात पर भी प्रकाश डालेंगे कि संवाद और कूटनीति को संघर्ष तथा टकराव पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए’’।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, स्थगित सिंधु जल संधि को तुरंत शुरू करने की आवश्यकता भी प्रतिनिधिमंडलों की इस यात्रा का एक प्रमुख विषय होगा।
पाकिस्तान ने भारत के साथ चार-दिवसीय सैन्य संघर्ष के बारे में दुनिया को अवगत कराने और इसके बारे में अपने दृष्टिकोण को उजागर करने के लिए विदेशी राजधानियों में विशेषज्ञों की एक टीम भेजने की घोषणा पिछले महीने की थी।
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया, जिसके बाद भारत ने छह और सात मई की दरमियानी रात पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए।पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय सैन्यबलों ने पाकिस्तानी कार्रवाइयों का कड़ा जवाब दिया।