नयी दिल्ली: 28 जुलाई (ए)।) उच्चतम न्यायालय ने मध्यप्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह को भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ उनकी टिप्पणी को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी न मांगने पर सोमवार को फटकार लगाई और कहा कि वह अदालत के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि मंत्री का व्यवहार अदालत को उनकी मंशा पर संदेह पैदा करने के लिए मजबूर कर रहा है।शाह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता के. परमेश्वर ने कहा कि उनके मुवक्किल ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है जो ऑनलाइन मंच पर उपलब्ध है और इसे अदालत के रिकॉर्ड में रखा जाएगा।
पीठ ने मंत्री द्वारा दिए गए बयानों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को 13 अगस्त तक रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल करने को कहा।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वर्तमान में बयानों की पड़ताल कर रहे जांच दल ने 87 लोगों से पूछताछ की है।
पीठ ने कांग्रेस की नेता जया ठाकुर द्वारा शाह के इस्तीफे के अनुरोध वाली याचिका पर भी विचार करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि रिट याचिका में पिछले मामलों के बारे में लगाए गए कुछ आरोपों पर तीन सदस्यीय एसआईटी गौर करेगी।
न्यायालय ने सुनवाई 18 अगस्त के लिए स्थगित कर दी।
उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन करते हुए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा एसआईटी गठित की गई थी।
शीर्ष अदालत ने 19 मई को शाह को फटकार लगाई थी और मंत्री के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी।
विजय शाह उस वक्त विवादों में आ गए जब एक वीडियो में उन्हें कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते देखा गया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने भी कर्नल कुरैशी के खिलाफ ‘‘अपमानजनक’’ टिप्पणी करने और ‘‘घटिया भाषा’’ का इस्तेमाल करने के लिए शाह को फटकार लगाई थी और पुलिस को उनके खिलाफ शत्रुता व नफरत फैलाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।
कड़ी निंदा के बाद, शाह ने खेद व्यक्त किया और कहा कि वह कर्नल कुरैशी का अपनी बहन से भी ज्यादा सम्मान करते हैं।