भावनगर: 20 अगस्त (ए) गुजरात शिक्षा विभाग ने भावनगर जिले के एक प्राथमिक स्कूल में स्वतंत्रता दिवस पर एक नाटक के मंचन के दौरान बुर्का पहनी लड़कियों को ‘आतंकवादी’ के रूप में दर्शाये जाने के मामले में रिपोर्ट तलब की है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
मुस्लिम समुदाय के स्थानीय लोगों ने ‘बंधन बचाओ समिति’ के बैनर तले अधिकारियों से अनुरोध किया था कि वे नाटक के माध्यम से मुसलमानों का ‘‘नकारात्मक चित्रण’’ करने के लिए स्कूल के शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें जिसके बाद विभाग ने रिपोर्ट तलब की।
भावनगर महानगरपालिका स्कूल बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी मुंजाल बदमालिया ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने उन्हें नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। स्कूल का संचालन नगर निगम बोर्ड करता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए नाटक के एक वीडियो में सफेद पोशाक पहनी कुछ लड़कियां कश्मीर की सुंदरता का वर्णन करने वाले एक गीत पर प्रस्तुति देती नजर आ रही हैं।
वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ ही क्षणों बाद, बुर्का पहनी तीन लड़कियां ‘‘बंदूकें’’ लेकर आती हैं और दूसरों पर ‘‘गोली चलाती हैं’’, जबकि पृष्ठभूमि से यह सुनाई दे रहा है कि ‘‘आतंकवादियों ने पहलगाम हमले के दौरान निर्दोष नागरिकों को मार डाला था।’’
बदमालिया ने बताया कि शहर के कुंभारवाड़ा क्षेत्र में स्थित बालिका प्राथमिक विद्यालय ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह के तहत ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित एक नाटक का मंचन किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘सोशल मीडिया पर वीडियो प्रसारित होने के बाद, डीईओ को एक शिकायत मिली जिसमें आरोप लगाया गया कि नाटक ने मुसलमानों की भावनाओं को आहत किया है। डीईओ ने 15 अगस्त को हमारे स्कूल में आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के बारे में हमसे सात दिनों के भीतर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है।’’
बदमालिया ने कहा कि शुरुआती जांच के मुताबिक स्कूल के शिक्षकों और प्रधानाचार्य का किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था।
उन्होंने बताया, ‘‘जिन लड़कियों को आतंकवादियों की भूमिका दी गई थी, उन्हें अपने चेहरे काले कपड़े से ढकने को कहा गया था। हालांकि, ये लड़कियां बुर्का पहन कर आईं क्योंकि उनका कहना था कि काले कपड़े की तुलना में बुर्का आसानी से उपलब्ध हो गया।