रूस के राष्ट्रपति पुतिन दो दिन के दौरे पर दिल्ली पहुंचे, प्रधानमंत्री मोदी ने रात्रिभोज दिया

राष्ट्रीय
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नई दिल्ली, चार दिसंबर (ए)रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार की शाम अपने दो दिन के दौरे पर नई दिल्ली पहुंच गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचकर पुतिन का स्वागत किया। पीएम मोदी ने स्वागत करते हुए पुतिन को गले लगाया। इस दौरान रूसी राष्ट्रपति ने भारत के उच्च अधिकारियों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट से रवाना होते समय एक ही कार में यात्रा की।

यह दौरा करीब आठ दशक पुरानी भारत-रूस साझेदारी को और मजबूत करना है, एक ऐसी साझेदारी जो जटिल भू-राजनीतिक माहौल के बावजूद स्थिर बनी हुई है।

भारत इस दौरे को कितनी अहमियत दे रहा है, यह इस बात से पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पालम हवाई अड्डे पर गले लगाकर पुतिन का स्वागत किया और चार साल के अंतराल के बाद भारत आगमन पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

दोनों नेता एक ही कार में हवाई अड्डे से निकले। करीब तीन महीने पहले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के बाद चीन के शहर तियानजिन में उन्होंने एक ही वाहन में साथ यात्रा की थी।

मोदी आज शाम पुतिन के लिए एक निजी रात्रिभोज का आयोजन कर रहे हैं। पिछले साल जुलाई में रूस की राजधानी मॉस्को के दौरे के दौरान रूसी नेता ने भी भारत के प्रधानमंत्री की मेहमाननवाजी की थी।

आज शाम दोनों नेताओं के बीच होने वाली बातचीत से शुक्रवार को होने वाली 23वीं भारत-रूस शिखर वार्ता को लेकर माहौल बनने की उम्मीद है, जिसके कई महत्वपूर्ण परिणाम निकलने की संभावना है।

दोनों नेताओं के बीच होने वाली वार्ता का मुख्य विषय रक्षा संबंधों को मजबूत करना, भारत-रूस व्यापार को बाहरी दबाव से सुरक्षित रखना और छोटे मॉड्यूलर संयंत्रों में सहयोग की संभावनाओं की तलाश जैसे मुद्दों पर केंद्रित होगा। इस बैठक पर पश्चिमी देशों द्वारा करीबी नजर रखे जाने की संभावना है।

रूसी नेता का नयी दिल्ली का यह दौरा इसलिए और भी अहम हो गया है क्योंकि यह भारत-अमेरिका संबंधों में तेजी से आ रही गिरावट की पृष्ठभूमि में हो रहा है। बैठक के बाद दोनों पक्षों के बीच व्यापार के क्षेत्रों सहित कई समझौते होने की उम्मीद है।

दोनों नेताओं के बीच बैठक से पहले शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति भवन में पुतिन का औपचारिक स्वागत किया जाएगा।

बैठक हैदराबाद हाउस में होगी, जहां मोदी, पुतिन और उनके प्रतिनिधिमंडल के लिए भोज का आयोजन करेंगे और इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा भी होगी।

इस मामले के जानकार लोगों के अनुसार, पुतिन शुक्रवार की सुबह राजघाट भी जाएंगे।

बैठक के बाद पुतिन रूसी सरकारी प्रसारक का नया ‘इंडिया चैनल’ भी शुरू करेंगे, जिसके बाद वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उनके सम्मान में दिए जाने वाले राजकीय भोज में शामिल होंगे।

रूसी नेता के शुक्रवार की रात करीब नौ बजे भारत से रवाना होने की संभावना है।

शिखर वार्ता में उम्मीद है कि भारत रूस से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल खरीदने से बढ़ते व्यापार घाटे को दुरुस्त करने पर जोर देगा।

रूसी राष्ट्रपति की भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत-अमेरिका संबंध पिछले दो दशकों में संभवतः सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं ओर अमेरिका ने भारतीय सामान पर भारी 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जिसमें रूस से कच्चे तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत कर भी शामिल है।

शिखर वार्ता में भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने पर अमेरिकी प्रतिबंध के असर पर चर्चा होने की संभावना है। ‘क्रेमलिन’ (रूस के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के कारण भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद ‘‘कुछ समय’’ के लिए कम हो सकती है। उन्होंने कहा, हालांकि रूस आपूर्ति बढ़ाने के लिए कदम उठा रहा है।

बैठक में उम्मीद है कि पुतिन मोदी को यूक्रेन विवाद को खत्म करने के लिए अमेरिका की नयी कोशिशों के बारे में बताएंगे। भारत लगातार यह कहता रहा है कि बातचीत और कूटनीति ही युद्ध खत्म करने का एकमात्र तरीका है।

मोदी-पुतिन वार्ता के बाद दोनों पक्षों के बीच कई समझौते होने की उम्मीद है, जिसमें एक समझौता भारतीय कामगारों के रूस आने-जाने को आसान बनाने और अन्य (समझौता) व्यापक रक्षा सहयोग के ढांचे के तहत साजो सामान के समर्थन से संबंधित है।

ऐसा माना जा रहा है कि व्यापार क्षेत्र के अंतर्गत फार्मा, कृषि, खाद्य उत्पादों और उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्रों में रूस को भारतीय निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।

यह कदम रूस के पक्ष में बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर भारत की चिंताओं के बीच उठाया गया है।

भारत रूस से सालाना लगभग 65 अरब अमेरिकी डॉलर का सामान और सेवाएं खरीदता है, जबकि रूस भारत से लगभग पांच अरब डालर का आयात करता है।

अधिकारियों ने कहा कि भारत उर्वरक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है। रूस सालाना भारत को 30 से 40 लाख टन उर्वरक की आपूर्ति करता है।

भारतीय और रूसी पक्ष यूरेशियन आर्थिक संघ के साथ भारत के प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर भी चर्चा कर सकते हैं।

शिखर सम्मेलन से पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने बृहस्पतिवार को व्यापक चर्चा की, जिसमें रूस से एस-400 मिसाइल प्रणालियों और अन्य महत्वपूर्ण सैन्य हार्डवेयर की अतिरिक्त खेप खरीदने की भारत की योजना पर फोकस रहा।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान एस-400 मिसाइल प्रणाली बहुत प्रभावी साबित हुई।

अक्टूबर 2018 में भारत ने रूस के साथ एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयों को खरीदने के लिए पांच अरब अमेरीकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए, जबकि अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि अनुबंध पर आगे बढ़ने से काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) के प्रावधानों के तहत अमेरिकी प्रतिबंध लग सकते हैं।

पेस्कोव ने कहा कि रूस द्वारा भारत को एसयू-57 लड़ाकू विमान आपूर्ति करने की संभावना पर भी चर्चा हो सकती है। भारत पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की एक खेप खरीदने की प्रक्रिया में है।

दसॉ एविएशन का राफेल, लॉकहीड मार्टिन का एफ-21, बोइंग का एफ/ए-18 और यूरोफाइटर टाइफून मुख्य दावेदार हैं।

बैठक में द्विपक्षीय ऊर्जा संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर भी प्रमुखता से चर्चा होने की उम्मीद है।

माना जाता है कि रूस ने भारत को कच्चे तेल की खरीद पर अतिरिक्त छूट की पेशकश की है।

यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब दो रूसी तेल उत्पादकों पर अमेरिकी प्रतिबंधों की नवीनतम लहर के बाद पिछले कुछ सप्ताहों में भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद की मात्रा में गिरावट दर्ज की गई है.

भारत और रूस के बीच एक व्यवस्था है जिसके तहत भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा के लिए सालाना एक शिखर बैठक आयोजित करते हैं। अब तक, भारत और रूस में बारी-बारी से 22 वार्षिक शिखर बैठकें हो चुकी हैं। रूसी राष्ट्रपति ने आखिरी बार 2021 में नयी दिल्ली का दौरा किया था।

पिछले साल जुलाई में मोदी वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मॉस्को गए थे।

रूस भारत के लिए एक ऐसा साझेदार रहा है जो समय की कसौटी पर खरा उतरा है और वह भारत की विदेश नीति का एक प्रमुख स्तंभ रहा है।