विद्यार्थियों को कुत्ते का जूठा भोजन परोसा; 78 छात्रों को रेबीज का टीका लगाया, जांच जारी

छत्तीसगढ़ बलौदा बाजार - भाटापारा
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बलौदाबाजार: दो अगस्त (ए)) छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के एक स्कूल में छात्रों को कथित तौर पर कुत्ते का जूठा भोजन परोसे जाने की शिकायत के बाद ग्रामीणों और अभिभावकों के दबाव में 78 विद्यार्थियों को रेबीज रोधी टीका लगाया गया। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि जिले के पलारी विकासखंड के लछनपुर गांव के माध्यमिक शाला में 29 जुलाई को मध्यान्ह भोजन को कथित तौर पर कुत्ते द्वारा जूठा किए जाने के बाद 78 बच्चों को एंटी रेबीज का टीका लगाया गया।

उन्होंने बताया कि यह घटना 29 जुलाई को लछनपुर के माध्यमिक शाला की है और इस मामले में जांच जारी है।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘एक आवारा कुत्ते ने स्कूल के छात्रों को मध्याह्न भोजन के तहत परोसी जाने वाली पकी हुई सब्जियों को जूठा कर दिया। कुछ विद्यार्थियों ने शिक्षकों को इस घटना की जानकारी दी। शिक्षकों ने खाना बनाने वाले स्वयं सहायता समूह से उसे न परोसने का अनुरोध किया। लेकिन उन्होंने यह कहते हुए सब्जियां परोस दीं कि वह जूठी नहीं थीं। कुल 84 छात्रों ने खाना खाया।’’

उन्होंने बताया कि जब बच्चों ने घर जाकर अपने परिजनों को घटना की जानकारी दी तब परिजनों ने इसकी शिकायत शिक्षकों और शाला समिति के अध्यक्ष झालेंद्र साहू से की।

स्कूल प्रशासन ने बताया कि उन्होंने रसोइयों को जूठा खाना नहीं परोसने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद अभिभावक बच्चों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी वीणा वर्मा ने 78 बच्चों को रेबीज रोधी का टीका लगाया।

उन्होंने बताया कि अभिभावकों और ग्रामीणों के दबाव में बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए टीका लगाया गया।

शर्मा ने बताया कि घटना के बाद पलारी क्षेत्र के अनुविभागीय दंडाधिकारी दीपक निकुंज ने मामले की जांच शुरू की है। उन्होंने बच्चों, अभिभावकों, शिक्षकों और शाला समिति के सदस्यों के बयान दर्ज किए हैं। हालांकि, स्वयं सहायता समूह के सदस्य जांच में शामिल नहीं हुए हैं।

निकुंज ने बताया कि सभी पक्षों के बयान लिए जा रहे हैं तथा स्थिति स्पष्ट होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, स्थानीय विधायक संदीप साहू ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर घटना की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि बच्चों को रेबीज रोधी टीका किसके आदेश पर लगाया गया।

अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीणों ने स्वयं सहायता समूह को हटाने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।