बहराइच (उप्र): 14 अगस्त (ए)) बहराइच जिले के नानपारा में एक निजी इंटर कॉलेज में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के अवसर पर आयोजित दौड़ का अभ्यास करने के दौरान नौवीं कक्षा के एक छात्र की मौत हो गई। कालेज प्रशासन ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि नानपारा कोतवाली अंतर्गत भग्गापुरवा निवासी हिमांशु (15) सआदत इंटर कॉलेज में नौवीं कक्षा का छात्र था।
स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए खेल प्रतियोगिता हेतु बुधवार को अभ्यास चल रहा था। करीब 12 सहपाठियों के साथ 100 मीटर दौड़ में हिमांशु भी हिस्सा ले रहा था।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हिमांशु ने ‘फिनिश लाइन’ पार की। वह तीसरे नंबर पर था, लेकिन लाइन पार करने के कुछ ही क्षण बाद वह बेहोश होकर गिर पड़ा। उसे एम्बुलेंस से स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक छात्र के बड़े भाई शिवम ने कहा कि हिमांशु को कोई बीमारी नहीं थी। विद्यालय प्रशासन ने तेज धूप में दौड़ कराई और हिमांशु के बेहोश होने पर कालेज प्रशासन ने समय रहते ना तो स्वयं इलाज कराया ना ही परिवार को समय से सूचना दी। समय पर अस्पताल पहुंचाकर इलाज मिलता तो शायद उसकी जान बच सकती थी।
सआदत इंटर कॉलेज के प्राचार्य अरविंद मिश्र ने पत्रकारों को बताया, ‘‘खेलों में भाग लेने वाले सभी छात्रों को अभ्यास हेतु बुधवार को बुलाया गया था। 100 मीटर दौड़ के लिए नौवीं कक्षा का छात्र हिमांशु भी दौड़ रहा था। दौड़ने के दौरान वह बेहोश हो गया। एम्बुलेंस बुलायी गयी। तकरीबन दस मिनट एम्बुलेंस के आने तक उसे होश में लाने का प्रयास किया गया, लेकिन अफसोस है कि हम उसे नहीं बचा पाए।’’
स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक डॉ. सुरेश वर्मा ने बताया, ‘‘लड़के को मृत अवस्था में लाया गया था। मौत का कारण हृदयगति रुकना (कार्डियक अरेस्ट) हो सकता है। हालांकि, सटीक कारण पोस्टमार्टम के बाद ही स्पष्ट हो सकता था।’’
नानपारा कोतवाली प्रभारी (कोतवाल) रामाज्ञा सिंह ने बृहस्पतिवार को बताया कि घटना की सूचना हमें अन्य माध्यमों से मिली, लेकिन कोई शिकायत परिजनों अथवा किसी अन्य ने नहीं दर्ज कराई है। जानकारी मिली कि बुधवार को ही परिजनों ने बालक का अंतिम संस्कार करा दिया था।
कॉलेज के प्रबंध समिति के प्रबंधक तहसीलदार अंबिका चौधरी ने कहा कि राजस्व निरीक्षक द्वारा मामले की जांच कराई जा रही है।
इस घटना से छात्र का परिवार सदमे में है और उसकी मां सुषमा का रो-रोकर बुरा हाल है। पान की दुकान चलाने वाले उसके पिता राजकुमार ने कहा, ‘‘जब वह सुबह स्कूल जाने के लिए निकला, तो उसने कहा कि वह जल्द ही वापस आएगा। कौन जानता था कि आज यह उसकी आखिरी विदाई होगी?’’
उन्होंने हिमांशु को एक मेधावी छात्र और एक अच्छा एथलीट बताया, जो विज्ञान की पढ़ाई कर इंजीनियर बनने का सपना देखता था।