कानपुर (उप्र): 25 जुलाई (ए)) उत्तर प्रदेश की महिला कल्याण एवं बाल विकास राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने शुक्रवार को कहा कि अगर थाना प्रभारी (एसएचओ) सतीश सिंह को आज रात तक नहीं हटाया गया तो वह अकबरपुर कोतवाली में फिर से धरना देंगी।
शुक्ला ने पत्रकारों से बातचीत में अकबरपुर थाने में अपने पांच घंटे लंबे धरने के ठीक एक दिन बाद धरना फिर से शुरू करने की धमकी दी। इस दौरान उन्होंने एसएचओ पर स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) अधिनियम के तहत झूठा और मनगढ़ंत मामला दर्ज करने का आरोप लगाया था।उन्होंने कहा कि ‘‘मैं व्यक्तिगत रूप से जानती हूं कि उन्होंने (कार्यकर्ताओं ने) कुछ भी गलत नहीं किया है, लेकिन उनका नाम प्राथमिकी में जोड़ दिया गया।’’
शुक्ला ने कहा, ‘‘यह न्याय नहीं है – यह राजनीतिक लाभ के लिए किसी के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। मैंने पिछले 25 सालों में कभी पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई। लेकिन आज यह सम्मान की बात है। मैं जानना चाहती हूँ कि किसके दबाव में यह मामला दर्ज किया गया।’’
शुक्ला ने कहा कि उन्हें प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने फ़ोन करके व्यक्तिगत रूप से आश्वासन दिया था कि एसएचओ को “स्थानांतरित” कर दिया जाएगा और धरना समाप्त करने का अनुरोध किया था।
उन्होंने स्थानीय भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह (अकबरपुर संसदीय क्षेत्र से) पर भी हमला बोला और उन पर जाति-आधारित राजनीति करने का आरोप लगाया।
प्रतिभा शुक्ला ने कानपुर देहात के एक थाने में बृहस्पतिवार को धरना दिया और भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम के तहत कथित रूप से झूठा मामला दर्ज करने के आरोप में एक एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य में पुलिस कार्रवाई को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोला। उन्होंने उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पर भी निशाना साधा।
‘एक्स’ पर एक पोस्ट में उन्होंने पाठक का नाम लिए बिना कहा, “डीसीएम (उप मुख्यमंत्री) साहब पहले अपने लोगों पर ध्यान दीजिए, फिर दूसरों को सलाह दीजिए। पहले सिर्फ़ एक डीसीएम (केशव मौर्य) को फटकार लगाई गई थी, अब दोनों को फटकार लगाई गई है।”
एक अन्य पोस्ट में, उन्होंने आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “सत्तारूढ़ राज्य मंत्री खुद अपनी पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ धरना दे रही हैं, क्या मुख्यमंत्री को और सबूत चाहिए?”