कोलकाता: 24 अक्टूबर (ए) हर शाम कोलकाता के अलीपुर महिला सुधार गृह की ऊंची दीवारों के बाहर आलू के पकौड़ों और कटलेट की खुशबू हवा में घुलती है। राहगीर नाश्ते के लिए बीच राह में ठहरते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का इल्म नहीं होता कि इन चीजों को बनाने और पैक करने वाली महिलाएं सजायाफ्ता कैदी हैं।
इन महिला कैदियों के लिए, जेल के गेट के ठीक बाहर एक छोटी सी दुकान कारावास और समाज के बीच सेतु की तरह काम करती है।
यह उन्हें आत्मावलोकन करने, बाहरी दुनिया से जुड़ने और अकेलेपन में अक्सर खोई हुई गरिमा को पुनः प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है।
वे पश्चिम बंगाल सुधार सेवा विभाग द्वारा जुलाई में शुरू की गई एक अभिनव पहल ‘अभिन्नो’ (एकीकृत) का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य कैदियों को जेल में रहते हुए आजीविका कमाने और आत्मविश्वास हासिल करने में मदद करना है।
इस कार्यक्रम के तहत, कैदी सुधार गृह के प्रवेश द्वार के बाहर स्थित स्टॉलों पर सीधे जनता के लिए भोजन, हस्तशिल्प और अन्य सामान तैयार करते और बेचते हैं, जिसे अधिकारी ‘सम्मान के साथ पुनर्वास’ कहते हैं।
पश्चिम बंगाल के सुधार सेवा मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा ने कहा कि ‘‘अभिन्नो’’ जेल सुधार में एक नया मानक स्थापित कर रहा है।
सिन्हा ने ‘
कहा, ‘‘कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पाद जेल परिसर के बाहर इन दुकानों के माध्यम से बेचे जाते हैं। एक गैर-सरकारी संगठन उन्हें प्रशिक्षित करता है और इससे होने वाली कमाई कैदियों के कल्याण कोष में जाती है। कैदियों को वेतन भी मिलता है, जो रिहाई के बाद उन्हें सौंप दिया जाता है।’’
अलीपुर महिला सुधार गृह में एक साधारण प्रयोग के रूप में शुरू हुआ यह कार्यक्रम जल्द ही बंगाल की जेलों में आदर्श बन गया है।
अलीपुर में लगभग 25 कैदी इस पहल का हिस्सा हैं, जिनमें से आठ रोजाना दुकान चलाती हैं जिसमें खाना पकाने, परोसने, हस्तशिल्प बेचने और निगरानी में हिसाब-किताब का काम करना शामिल है।
प्रेसिडेंसी रेंज के डीआईजी (कारागार) देबाशीष चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘हम इस बात पर चर्चा कर रहे थे कि रिहाई के बाद कैदियों का काम उन्हें कैसे सहारा दे सकता है। इससे उनके कौशल के लिए एक व्यवस्थित मंच बनाने का विचार आया।’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजे गए इस प्रस्ताव को तुरंत मंजूरी मिल गई।
चक्रवर्ती ने कहा, “उन्होंने इसे केवल मंजूर ही नहीं किया, बल्कि खुद इसका नाम ‘अभिन्नो’ भी रखा।”
बनर्जी ने इस परियोजना का डिजिटल तौर पर इस साल जुलाई में उद्घाटन किया।