पटना: 13 मई (ए)।

। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘‘शिक्षा न्याय संवाद’’ कार्यक्रम की शुरुआत करने के लिए इस सप्ताह के अंत में बिहार में रहेंगे। यह जनसंपर्क कार्यक्रम राज्य में शिक्षा क्षेत्र की दयनीय स्थिति को उजागर करने के लिए चलाया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
यह घोषणा कांग्रेस की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने की। कुमार ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।कुमार ने कहा, ‘‘लोकसभा में विपक्ष के नेता 15 मई को दरभंगा आएंगे, जब कांग्रेस के 60 से अधिक राष्ट्रीय स्तर के नेता शिक्षा न्याय यात्रा शुरू करने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में होंगे।’’
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कुमार ने हाल ही में राज्यव्यापी ‘‘पलायन रोको नौकरी दो’’ पद यात्रा निकाली थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले कार्यक्रम के विपरीत, ‘‘शिक्षा न्याय संवाद’’ की कोई समय-सीमा नहीं है।
कुमार ने कहा, ‘‘हमारे नेता कॉलेज, विश्वविद्यालयों और छात्रावासों का दौरा करके छात्रों से बातचीत करेंगे। बिहार के छात्रों को शैक्षणिक सत्र में देरी, प्रश्नपत्र लीक और अपनी आवाज उठाने पर विरोध प्रदर्शनों करने को लेकर राज्य सरकार के दमन जैसी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है।’’
कुमार ने 2019 में अपने गृह जिले बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ा था।
उन्होंने कहा, ‘‘छात्रों से प्राप्त फीडबैक का उपयोग न्याय पत्र बनाने में किया जाएगा, जो वादों का एक घोषणापत्र है। यदि यहां ‘इंडिया’ गठबंधन की अगली सरकार बनती है तो हम बिहार में इसे पूरा करेंगे।’’
उल्लेखनीय है कि राज्य में विधानसभा चुनाव अब कुछ ही महीने बाद होने हैं, जहां करीब दो दशक से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का शासन है।
कुमार ने आरोप लगाया कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य की ‘डबल इंजन सरकार’ बिहार को लाभ पहुंचाने में विफल रही है जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात को ‘‘निवेश और बुलेट ट्रेन जैसी आकर्षक परियोजनाएं मिल रही हैं।’’
कुमार ने इस दावे पर नाराजगी जतायी कि कांग्रेस यह एहसास होने के बाद बिहार में एक नया अभियान शुरू कर रही है कि ‘‘पलायन रोको नौकरी दो पदयात्रा’’ ‘फ्लॉप’ हो गई है।
उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘कृपया ‘हिट’ (सफल) और ‘फ्लॉप’ (असफल) के संदर्भ में न सोचें। हम कोई फिल्म नहीं बना रहे हैं। जनता का जुटना एक सतत प्रक्रिया है।’’
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने यह भी कहा कि पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि जाति जनगणना, जिस पर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार सहमत हो गई है, ‘‘तेलंगाना से प्रेरणा लेते हुए वैज्ञानिक तरीके से की जाए, जहां हमारी सरकार ने अपने निष्कर्ष एक व्यापक प्रश्नावली के आधार पर निकाले हैं।’’
कांग्रेस द्वारा आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा को समाप्त करने पर जोर दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के कई नेता कह रहे हैं कि कानून बनाना विधायिका का विशेषाधिकार है। न्यायपालिका केवल यह सुनिश्चित कर सकती है कि इन्हें उचित ढंग से लागू किया जाए।’’
उन्होंने कहा कि यदि जाति जनगणना के निष्कर्ष इसकी जरूरत बताते हैं तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण भी ‘‘बढ़ाया जा सकता है।’’उन्होंने कहा कि ‘‘हम प्रत्येक जाति को उसकी जनसंख्या के अनुरूप हिस्सा देने की जो बात कर रहे हैं, उस पर समाज के किसी भी वर्ग को संदेह नहीं होना चाहिए। समानता से सभी को लाभ होता है।’’