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बलिया, 22 जनवरी (ए) उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की एक अदालत ने जमानत रद्द करने से जुड़े एक मामले में अदालत को लापरवाही पूर्ण तरीके से गलत आख्या भेजकर गुमराह किए जाने को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव (गृह) व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को जमानत निरस्त करने की संस्तुति व अनुमोदन देने वाले पुलिस व प्रशासिन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक व विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।.
अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि जमानत निरस्त करने के प्रार्थना पत्र में लिया गया आधार वास्तविक तथ्यों व दस्तावेजी साक्ष्यों के पूर्णतः विपरीत, फर्जी, असत्य व गुमराह करने के साथ ही न्यायालय का अमूल्य समय बर्बाद करने वाला है।.